विराट कोहली (Virat Kohli) से भारतीय टीम (Team India) की वनडे कप्तानी (ODI Caption) छिनने के बाद पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने इस मामले की प्रक्रिया को लेकर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने बीसीसीआई चीफ (BCCI Chief) के बयान को लेकर सवाल खड़ा किया है. उनका मानना है कि इस मामले पर सिलेक्टर्स की जगह सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को आगे आकर बयान देने की जरूरत नहीं थी. दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) का मानना है कि सिलेक्टर्स चीफ को इस मामले पर बयान देना चाहिए था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक दिलीप वेंगसकर ने कहा कि बात ये है कि सौरव गांगुली को सिलेक्शन कमेटी (Selection Committee) की जगह खुद सामने आकर बयान देने का कोई अधिकार नहीं था. गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं. टीम में चयन और कप्तानी के विवाद पर चीफ सिलेक्टर (Chief Selector) को सामने आकर बयान देना चाहिए.
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दिलीप वेंगसरकर ने आगे कहा कि गांगुली ने पूरे मामले पर अपनी राय रखी. जाहिर तौर पर विराट कोहली (Virat Kohli) अपनी बात स्पष्ट करना चाहते थे. उन्होंने आगे कहा मेरा मानना है कि ये चयन समिति के अध्यक्ष और कप्तान के बीच का मामला था. चयन समिति द्वारा एक कप्तान को चुना या हटाया जाता है. ये गांगुली के अधिकार क्षेत्र में नहीं है.
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वेंगसकर ने आगे कहा विराट ने भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) और अपने देश के लिए अहम योगदान दिया है और वो एक बेहतर विदाई के हकदार थे. उन्होंने कहा कि भारतीय कप्तानों को बेवजह बर्खास्त करने की बोर्ड की सदियों पुरानी परंपरा को बदलने की जरूरत है.