पूर्व भारतीय ओपनर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने दिन-रात टेस्ट मैच का समर्थन करते हुए कहा है कि यह भविष्य है और भारत में अक्सर इसे खेला जाना चाहिए. उन्होंने पांच दिन के टेस्ट मैच (Four Day Test Match) में बदलाव पर कहा कि चार दिन की चांदनी होती है, टेस्ट मैच नहीं. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (BCCI President Sourav Ganguly) के अनुरोध पर भारतीय टीम पिछले साल ईडन गार्डन्स (Eden Gardens Kolkata) में बांग्लादेश के साथ अपना पहला दिन-रात टेस्ट मैच खेल चुकी है. वीरेंद्र सहवाग ने रविवार रात बीसीसीआई के अवार्ड समारोह के दौरान सातवें मंसूर अली खान पटौदी लेक्चर (Mansoor Ali Khan Pataudi Lecture) देते समय यह बात कही.
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वीरेंद्र सहवाग ने कहा, दिन-रात टेस्ट मैच आगे बढ़ने का रास्ता है. हम ईडन गार्डन्स में यह देख चुके हैं. दिन-रात टेस्ट मैच को आयोजित कराने के लिए हमें इसका श्रेय दादा सौरव गांगुली को देना चाहिए. वीरेंद्र सहवाग ने कहा, नवाचार समय की आवश्यकता है. इससे ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को मैदान में आना चाहिए. पूर्व भारतीय ओपनर ने पांच दिन के टेस्ट मैच को चार दिन का करने के प्रस्ताव पर कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के विचारों का समर्थन किया. विराट कोहली और रवि शास्त्री पांच दिन के टेस्ट मैच में कोई छेड़खानी नहीं करना चाहते हैं. वीरेंद्र सहवाग ने पांच दिन के टेस्ट मैच की तुलना बेबी डायपर से करते हुए कहा कि दोनों को केवल तभी बदला जाना चाहिए जब वे बेकार हो जाए. उन्होंने कहा, मैंने हमेशा बदलाव का समर्थन किया है. मैं पहले टी-20 मैच में भारत का कप्तान रह चुका हूं और मुझे इसपर गर्व है. मैं 2007 में टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का सदस्य रह चुका हूं. लेकिन पांच दिनों का टेस्ट मैच एक रोमांस है.
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वीरेंद्र सहवाग ने कहा, जर्सी में नाम जैसे शब्द में बदलाव लाना और दिन-रात टेस्ट पिंक बॉल टेस्ट का आना ठीक है. लेकिन डायपर और पांच दिन का टेस्ट क्रिकेट तभी बदलने चाहिए जब वे खराब हो या वे खत्म हो जाए. वीरेंद्र सहवाग ने आगे कहा, पांच दिन का टेस्ट मैच अभी समाप्त नहीं हुआ है. टेस्ट क्रिकेट 143 साल का पुराना फिट आदमी है. उसकी एक आत्मा है. चार दिन की सिर्फ चांदनी होती है, टेस्ट क्रिकेट नहीं.
Source : IANS