दो दिन पहले हीथ्रो हवाईअड्डा (लंदन) पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला (Sanjeev Chawla) ने क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ. जी. रामगोपाल नायक के ऊपर ऐसा सवाल दाग दिया, जिसे सुनकर खुद डीसीपी और साथ मौजूद दिल्ली पुलिस अपराध शाखा (Delhi Police Crime Branch) के उनके बाकी मातहत भी हक्के-बक्के रह गए. अब सवाल उठता है कि वह सवाल था क्या? दरअसल, इस पूरे और अजीब-ओ-गरीब वाकए के पीछे की सच्ची कहानी कुछ इस तरह है. ब्रिटेन (लंदन) के समयानुसार, बुधवार-गुरुवार यानी 12-13 फरवरी, 2020 की रात करीब साढ़े नौ बजे (भारतीय समय के मुताबिक मध्य रात्रि के बाद करीब ढाई बजे) स्कॉटलैंड यार्ड की टीम पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, संजीव चावला को लेकर हीथ्रो हवाईअड्डे पर पहुंच गई. तीन चार दिन से लंदन में डेरा डाले दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के डीसीपी डॉ. जी. रामगोपाल नायक के नेतृत्व वाली टीम दो इंस्पेक्टरों के साथ हवाईअड्डे पर पहले से ही मौजूद थी.
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हीथ्रो हवाईअड्डे पर लंदन स्थित भारतीय दूतावास के भी कुछ अफसरान मौजूद थे. दिल्ली पुलिस मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक, "दिल्ली पुलिस के डीसीपी क्राइम ब्रांच डॉ. जी. रामगोपाल नायक 19 साल से लंदन में छिपे बैठे क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला को प्रत्यार्पित कराके भारत लाने के लिए निजी रूप से भगीरथ प्रयास में जुटे हुए थे. उनकी इस पहल में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया, हिंदुस्तानी हुकूमत के केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालयों ने."
अगर भारतीय हुकूमत दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच द्वारा संजीव चावला के प्रत्यर्पण प्रक्रिया की दोबारा खोली गई फाइलों को गंभीरता से न लेती, तो चावला को लंदन से भारत ला पाना इस बार फिर फंस सकता था.
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सूत्रों के मुताबिक, भारत में दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीमें जब संजीव चावला के प्रत्यर्पण संबंधी दस्तावेजों को खंगालने में जुटी थीं. तब दूसरी ओर उसी दौरान लंदन में दुबका बैठा भारत का मोस्ट वॉंटेड क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के पुलिस अफसरों की कुंडली खंगाल रहा था.
इस तथ्य से पर्दा तब उठा, जब बुधवार-गुरुवार की रात हीथ्रो हवाईअड्डे पर स्कॉटलैंड यार्ड ने संजीव चावला को कानूनी रूप से दिल्ली पुलिस के कब्जे में दिया. चावला की चाल-ढाल अचानक बदल गई. क्राइम ब्रांच टीम जैसे ही उसे लेकर एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई-112 की ओर बढ़ी, वैसे ही संजीव चावला की एक आवाज ने सबको चौंका दिया.
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लंदन से चावला को घेरकर दिल्ली लाई अपराध शाखा की टीम के ही एक विश्वस्त सूत्र ने नाम न खोलने की शर्त पर शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, "हीथ्रो हवाईअड्डे पर जैसे ही संजीव चावला हमारे हवाले हुआ, उसने सबसे पहले टीम के तीनों सदस्यों (डीसीपी डॉ.जी. रामगोपाल नायक और उनके साथ मौजूद बाकी दोनों इंस्पेक्टर) को ऊपर से नीचे तक घूर कर देखा."
इसी टीम के एक अन्य सदस्य के मुताबिक, "संजीव चावला और हमारी टीम (दिल्ली पुलिस अपराध शाखा) के सदस्य अभी चंद कदम ही (हीथ्रो हवाईअड्डे पर हवाई जहाज की ओर) चल पाए होंगे कि अचानक वातावरण में आवाज गूंजी..वह आवाज, जिसे सुनकर एक बार तो हम सब सन्न रह गए..आवाज थी सटोरिए संजीव चावला की और उसका सवाल था डीसीपी अपराध शाखा डॉ. जी. रामगोपाल नायक आप ही हैं डीसीपी मिस्टर नायक!"
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संजीव चावला के इस अप्रत्याशित सवाल का जबाब नायक ने भी सधे हुए और संक्षिप्त शब्दों में दे दिया, "यस यू आर करेक्ट. आईएम आईपीएस डीसीपी क्राइम ब्रांच मिस्टर रामगोपाल नायक."
इतना जवाब देते ही डीसीपी ने संजीव चावला के सामने सवाल दागा, "हाऊ डू यू नो अबाउट मी?" इसके जवाब में चावला बोला, "सर आई गूगल्ड यू. यानि मैंने (संजीव चावला ने)आपको गूगल पर सर्च किया था."
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यानी यह बात खुद मोस्ट वॉंटेड ने ही सिद्ध कर दी कि जब दिल्ली पुलिस भारत में उसकी फाइलें खंगाल रही थी, तव वह (संजीव चावला) लंदन में बैठा दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की उस टीम की कुंडली पढ़ रहा था, जो उसे लंदन से घेरकर भारत लाने में जुटी थी.
Source : IANS