विश्व कप 2019 का फाइनल (World Cup Final 2019) मैच. 50 ओवर के मैच में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड बराबर रन बनाए और मैच टाई हो गया. लेकिन बात टाई से तो बननी नहीं थी, फैसला तो होना ही था. तो सुपरओवर (Super Over) हुआ. लेकिन जब एक ओवर की बात सामने आई तो इंग्लैंड के कप्तान ने एक ओवर के लिए जानते हैं किस गेंदबाज का चुनाव किया. जी हां, आपको याद ही होगा, लेकिन आपको फिर भी बता देते हैं, वे थे जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer). पांच साल बाद आने वाले विश्व कप की ट्रॉफी जिताने के लिए इंग्लैंड के कप्तान ने जोफ्रा आर्चर का चुनाव किया. ये तो वो कहानी थी, जो आपको पता है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब जोफ्रा आर्चर का लग रहा था कि शायद वे आगे क्रिकेट की न खेल पाएं, इसका खुलासा खुद जोफ्रा आर्चर ने अब किया है.
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विश्व कप विजेता इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने उस समय को ‘बुरा दौर’ करार दिया, जब वह किशोरावस्था में पीठ दर्द के कारण दो साल तक खेल से बाहर रहे और डाक्टरों को लगा था कि वह शायद कभी क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे. जोफ्रा आर्चर वेस्टइंडीज अंडर-19 टीम में जगह बनाने के बाद चोटिल हो गए थे. इसके बाद वह 2015 में इंग्लैंड में आकर बस गए थे. इस तेज गेंदबाज ने राजस्थान रायल्स पोडकॉस्ट में कहा, ईमानदारी से कहूं तो वह बुरा दौर था. मैंने दो साल क्रिकेट के बिना बिताए थे.
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इस वक्त इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों में शुमार किए जाने वाले जोफ्रा आर्चर ने कहा, मैं युवा था और खेलना चाहता था. ऐसे में आप अपने युवा होने का पूरा फायदा उठाना चाहते हो क्योंकि अगर आप 20, 21 या यहां तक कि 25 साल के हो जाते हैं और भाग्य साथ नहीं देता तो तब भी आप मौके का इंतजार कर रहे होते हो. जोफ्रा आर्चर ने कहा, ऐसे में लोग उन खिलाड़ियों पर दांव नहीं खेलना चाहते हैं जो थोड़ा उम्रदराज हो जाते हैं. पिछले साल इंग्लैंड की विश्व कप जीत में सुपर ओवर करने वाले जोफ्रा आर्चर ने कहा कि तब वह निराश हो गए थे जब डाक्टरों ने उनसे कहा कि हो सकता कि वह आगे क्रिकेट नहीं खेल पाएं.
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उन्होंने कहा, ऐसा लगा कि जैसे मैंने अपने स्वर्णिम दिन गंवा दिए हों. डाक्टरों ने मुझसे कहा कि अगर उन्हें सुधार नजर नहीं आता है तो हो सकता है कि मैं आगे क्लब क्रिकेट भी नहीं खेल पाऊं. मुझे वह दिन अब भी याद है. मैं निराश था. जोफ्रा आर्चर ने कहा, मैंने विश्राम किया और निर्णय लिया कि अगर दर्द कम होगा तो मैं फिर से कोशिश करूंगा. अगर ऐसा नहीं होता तो मैं वापस विश्वविद्यालय लौटकर जीवन की दूसरी राह पर चलने लग जाऊंगा. लेकिन सौभाग्य से मैं जैसा चाहता था वैसा ही हुआ.
(पीटीआई इनपुट)
Source : Sports Desk