जब 1983 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में भारत ने किया बड़ा उलटफेर, यशपाल शर्मा ने दिखाया था बल्ले से जादू

पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. 66 साल की उम्र में यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है.

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Dalchand Kumar
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Yashpal Sharma

1983 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में यशपाल शर्मा ने दिलाई थी भारत को जीत( Photo Credit : फाइल फोटो)

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1983 के वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीमें थीं, जिनको मात देकर विश्व चैंपियन बनना टीम इंडिया ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण था. 1983 में भारतीय टीम ने उम्मीदों के विपरीत चौंकाने वाला प्रदर्शन कर विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया था. उस वर्ल्ड कप के सफर में भारतीय टीम के हीरो यशपाल शर्मा रहे थे, जिन्होंने अपने बल्ले से जादू दिखाया था और उसी की बदौलत भारत ने जीत के साथ अभियान की शुरुआत की थी. दुर्भाग्य से यशपाल शर्मा अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. 66 साल की उम्र में यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है.

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दाएं हाथ के बल्लेबाज, जो 1983 विश्व कप में भारत के मध्य क्रम की रीढ़ थे, ने अपने क्रिकेटर करियर में देश के लिए 37 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 1606 रन बनाए और 42 एकदिवसीय मैचों में 883 रन बनाए. लेकिन 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा याद किया गया. यशपाल शर्मा ने 1983 विश्व कप में खेले गए पहले मैच में 120 गेंदों पर 89 रन बनाए थे, जिनकी मदद से भारत को जीत मिली थी.

1983 वर्ल्ड कप के अभियान में भारत का पहला मुकाबला दो बार के चैंपियन वेस्टइंडीज से था. इस मैच में भारतीय टीम को टॉस हारने के बाद भी पहले बल्लेबाजी का मौका मिला था. मगर भारत की पारी की शुरुआत खराब रही थी. 76 के स्कोर पर तीन विकेट गिर गए थे. इसके बाद मध्य क्रम की रीढ़ रहे यशपाल शर्मा क्रीच पर उतरे. एक छोर शर्मा डटे रहे तो दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे, नतीजा यह पहुंचा कि 141 रनों के स्कोर तक आधी टीम पैवेलियन लौट चुकी थी. बावजूद इसके यशपाल शर्मा धैर्य के साथ क्रीज पर बने रहे.

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यशपाल शर्मा ने 120 गेंदों का सामना करते हुए शानदार 89 रन की पारी खेली, जिसकी बदौलत भारत निर्धारित 60 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर अपना स्कोर 250 रन के पार यानी 262 रन तक पहुंचाने में कामयाब रहा. यशपाल की उस शानदार बल्लेपारी की बदौलत भारत ने ग्रुप-बी के अपने पहले मैच में उम्मीदों से हटकर बड़ा उलटफेर किया. इस मैच में भारत ने वेस्टइंडीज को 34 रनों से मात दी और इसी जीत के साथ भारत के विश्व चैम्पियन बनने की बुनियाद पड़ी. मैनचेस्टर में उस जीत ने भारत को आगे बढ़ने और टूर्नामेंट जीतने का आत्मविश्वास दिया.

इतना ही नहीं, वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला इंग्लैंड से हुआ था. इस मैच में भी यशपाल शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया. यशपाल शर्मा के 61 रनों की पारी की बदौलत भारत ने इंग्लैंड को मात दी थी. भारत ने सेमीफाइनल में यह महत्वपूर्ण मुकाबला 6 विकेट से जीता और फाइनल में पहुंच गया था. इसके बाद जो हुआ वह इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. 1983 में भारत विश्व चैपिंयन बना. यशपाल शर्मा टूर्नामेंट में कप्तान कपिल देव के बाद भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे.

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यशपाल शर्मा का करियर

इंटरनेशनल क्रिकेट में यशपाल शर्मा का डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ सियालकोट में खेले वनडे मुकाबले से साल 1978 में हुआ था. इसके बाद अगले ही साल उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच भी इंग्लैंड के खिलाफ क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर खेला. शर्मा ने अपना आखिरी वनडे साल 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ चंडीगढ़ में जबकि आखिरी टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली में साल 1983 में खेला था. यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैच खेले, जिनमें 1606 रन बनाए थे. उनका उच्चतम स्कोर 140 रन रहा है, जबकि टेस्ट में औसत 33.45 रन था. वनडे क्रिकेट में यशपाल शर्मा ने 42 मैच खेले, जिनमें 28.48 के औसत से उन्होंने 883 रन बनाए. 

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