भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज और टीम इंडिया के पू्र्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) के अच्छे दोस्तों में से एक आरपी सिंह (RP Singh) ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी जो हैं, उसके पीछे वजह उनका निष्पक्ष रवैया है. आरपी सिंह ने बातचीत में 2008 में हुए चयन को लेकर हुए विवाद को याद किया. उस समय की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एमएस धोनी इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली घरेलू सीरीज के एक हिस्से में इरफान पठान की जगह आरपी सिंह को चाहते थे, लेकिन उनकी बात न मानने के बाद उन्होंने चयनकर्ताओं से लगातार बहस की. हालांकि आरपी सिंह को टीम से बाहर कर दिया गया था. अब करीब 34 साल के हो गए आरपी सिंह एमएस धोनी के अच्छे दोस्तों में से एक माने जाते हैं. इस पूरे मामले पर आरपी सिंह ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं उस लीक हुई खबर से प्रभावित हुआ था. जिस इंग्लैंड सीरीज की बात हम कर रहे हैं, उसमें इंदौर में खेले गए मैच में मुझे विकेट नहीं मिला था. जाहिर सी बात है कि हर किसी को लगता है कि उसे दो या तीन मौके मिलने चाहिए. लेकिन ऐसा होना नहीं था. किसी को पांच मौके मिलते हैं तो किसी को 10.
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पूर्व कप्तान एमएस धोनी के अच्छे दोस्तों में शुमार किए जाने वाले आरपी सिंह कहा कि मेरे साथ कई बार ऐसा हुआ है कि जब भी मेरे प्रदर्शन में गिरावट आई तब मुझे सीधे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए भेज दिया गया. कई बार खिलाड़ियों को खराब प्रदर्शन के बाद भी टीम के साथ रहने का मौका मिलता है और वहां अच्छे स्तर का अभ्यास मिलता है. एक बार जब आप घरेलू क्रिकेट में जाते हो तो वो स्तर नहीं मिलता. 2011 में आखिरी बार भारतीय टीम की जर्सी पहनने वाले आरपी सिंह ने कहा कि एमएस धोनी के साथ उनकी दोस्ती टीम के फैसलों को लेकर कभी बाधित नहीं हुई.
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आरपी सिंह ने कहा, हमने बात की थी कि मैं कहां सुधार कर सकता हूं. मैं और क्या बेहतर कर सकता हूं. मैं धोनी को जानता हूं, दोस्ती अलग चीज है और देश की कप्तानी करना अलग बात है. उस समय मुझे लगता कि उन्होंने उन लोगों को मौका दिया जो उन्हें लगता था कि अच्छे हैं. मुझे लगता है कि उन्होंने उन लोगों को चुना जो उनके मुताबिक रणनीति को बेहतर तरीके से लागू कर सकते थे. बाएं हाथ के पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, इसलिए धोनी, धोनी हैं. वह क्रिकेट और फैसलों को लेकर निष्पक्ष रहते हैं. मैं उतना नहीं खेला जितना मुझे खेलना चाहिए था. मेरी स्पीड कम हुई मेरी स्विंग कम हुई. बाकी सब कुछ दूसरी चीजें हैं. अगर मैं उस समय सुधार कर लेता तो मैं और ज्यादा खेल पाता. लेकिन मैंने जितना खेला, उससे खुश हूं.
(इनपुट आईएएनएस)
Source : Sports Desk