इसमें कोई दो राय नहीं है कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) कप्तान के रूप में अपने करियर को आगे बढ़ाने के इच्छुक नहीं थे और इसी कारण सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था. लेकिन अब पूर्व चयनकर्ता प्रमुख चंदू बोर्डे (Chandu Borde) ने खुलासा किया है उन्होंने सचिन तेंदुलकर को टीम का कप्तान बने रहने के लिए मनाने की कोशिश की थी, लेकिन पूर्व बल्लेबाज उस समय अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते थे.
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चंदू बोर्डे ने स्पोटर्सक्रीडा से कहा, अगर आपको याद हो तो हमने उन्हें कप्तान के तौर पर आस्ट्रेलिया दौरे पर भेजा था. उन्होंने वहां टीम की कमान संभाली, लेकिन जब लौटकर आए तो कप्तानी नहीं करना चाहते थे. सचिन तेंदुलकर ने कहा था, नहीं मैं अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहता हूं. मैंने उनसे कहा था कि आप कुछ लंबे समय के लिए कप्तानी करें क्योंकि हमें नए कप्तान को ढूंढ़ना होगा. पूर्व चयनकर्ता प्रमुख चंदू बोर्डे ने कहा, लेकिन सचिन ने कहा कि वो अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना चाहते हैं क्योंकि वह टीम के लिए वैसा नहीं खेल पा रहा हैं, जैसा वो खेलना चाहते हैं. अंत में हमने सौरव गांगुली को कप्तान चुना.
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आपको बता दें कि इसके साथ ही पूर्व मुख्य चयनकर्ता के श्रीकांत ने सौरव गांगुली की तुलना वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी क्लाइव लायड से करते हुए मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष को जन्मजात नेतृत्वकर्ता करार दिया है. जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को विदेशी सरजमीं पर जीत हासिल करने को प्रेरित किया. श्रीकांत ने स्टार स्पोर्ट्स 1 तमिल शो ‘क्रिकेट कनेक्टिड - आटाम थोडारूम’ में कहा, सौरव गांगुली काफी सक्रिय थे. वह ऐसे खिलाड़ी थे जो टीम संयोजन बनाने की क्षमता रखते थे. जैसे 1976 में क्लाइव लायड ने वेस्टइंडीज टीम के लिए विजयी संयोजन बनाया था. सौरव गांगुली ने सही टीम को एक साथ रखा और फिर उन्हें प्रेरित किया. पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, इसलिए सौरव गांगुली बहुत सफल कप्तान थे, विदेशी सरजमीं पर भी. उन्होंने विदेशों में जीतना शुरू किया. सौरव गांगुली में यह काबिलियत जन्मजात थी.
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वहीं इसी शो में पूर्व भारतीय स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने श्रीकांत की कप्तानी के तरीके की प्रशंसा की और उन्होंने कहा कि उनमें लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम की अगुआई करने की क्षमता थी. शिवरामकृष्णन ने कहा, चीका (श्रीकांत) बहुत आक्रामक कप्तान थे. उन्होंने काफी नतीजे भी दिलाए. वह काफी सक्रिय थे. श्रीकांत को 1989 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था और उन्हीं की कप्तानी में सचिन तेंदुलकर ने अपना पदार्पण किया था. वह 1990 में पाकिस्तान दौरे पर भी भारतीय टीम की कमान संभाले थे लेकिन बल्लेबाजी में असफलताओं के कारण वह टीम से बाहर हो गए. शिवरामकृष्णन ने कहा, सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी ने चीका की कप्तानी में पदार्पण किया. चीका ने इतनी छोटी उम्र में सचिन तेंदुलकर को प्रोत्साहित किया जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ा और वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बना. उन्होंने कहा, हमने कई प्रेरणादायी कप्तान देखे, लेकिन मुझे हमेशा लगता है कि चीका और कप्तानी कर सकते थे.
(इनपुट एजेंसी)
Source : Sports Desk