इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच लंदन के लॉर्ड्स में खेले गए वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल के ओवरथ्रो की समीक्षा होगी. मेलबोर्न क्रिकेट क्लब (Melbourne Cricket Club) ने इसका ऐलान कर दिया है. क्लब की ओर से कहा गया है कि क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था (MCC) सितंबर में वर्ल्ड कप के 12वें सीजन के फाइनल में मार्टिन गप्टिल के थ्रो पर बेन स्टोक्स को दिए गए छह रन की समीक्षा करेगी.
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MCC ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी (WORLD CRICKET COMMETY) ने वर्ल्ड कप के फाइनल के ओवरथ्रो के बारे में 19.8 नियम के बारे में बात की है. WCC का मानना है कि नियम स्पष्ट है, लेकिन सितंबर में इस मामले में समीक्षा होनी चाहि. 14 जुलाई को लॉर्ड्स में हुए वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में इंग्लैंड को बाउंड्री काउंट के आधार पर जीत मिली थी. इंग्लैंड की टीम ने फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीता था. इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए वर्ल्ड कप 2019 के फाइनल में 50-50 ओवर का मैच और फिर सुपर ओवर भी टाई हो गया था. इसके बाद नतीजा बाउंड्री काउंट के आधार पर हुआ, इंग्लैंड ने 26 और न्यूजीलैंड की टीम ने 17 बाउंड्री लगाई थीं.
वर्ल्ड कप फाइनल के आखिरी ओवर का एक ओवरथ्रो को लेकर विवाद हो गया था. जब इंग्लैंड को जीत के लिए तीन गेंदों में नौ रन दरकार थी तब इंग्लैंड के बेन स्टोक्स ने गेंद को मिड विकेट पर खेला, जहां से मार्टिन गप्टिल ने थ्रो किया तो गेंद बेन स्टोक्स के बल्ले से लगकर बाउंड्री के पार चली गई. फील्ड अंपायर कुमार धर्मसेना ने साथी अंपायर मरे इरासमस से बात कर इंग्लैंड को छह रन दिए थे. इसमें दो रन दौड़ने और चार रन बाउंड्री (ओवरथ्रो) के शामिल थे. बाद में बेन स्टोक्स ने आखिरी गेंद पर मैच को टाई करा दिया. 2011 विश्व कप फाइनल में अंपायर रहे सायमन टॉफेल ने कहा कि यह एक स्पष्ट गलती है ... यहां निर्णय लेने में बहुत बड़ा अपराध हुआ है. कुमार धर्मसेना को इंग्लैंड को इस गेंद पर पांच रन देने चाहिए थे, छह नहीं, जिस तरह का खेल चल रहा था उसकी गर्मी में उन्होंने यह गलती की. उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि बल्लेबाज ने क्रॉस नहीं किया था जब थ्रो हुआ. टीवी रिप्ले में यह साफ दिखाई दिया है.
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क्या कहता है आईसीसी का नियम
गौरतलब है कि आईसीसी (ICC) के 19.8 लॉ के अनुसार, फील्डर के हाथ से गेंद थ्रो होने से पहले बल्लेबाज अगर एक-दूसरे को क्रॉस कर चुके होते हैं और गेंद किसी वजह से बाउंड्री पार कर जाती है तो रन पूरा (दौड़ा हुआ रन और बाउंड्री से 4 रन) माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं होता है तो रन अधूरा ही माना जाएगा. इस वजह से अंपायरिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं. उदाहरण के तौर पर अगर फील्डर ने तब थ्रो किया जब बल्लेबाज दूसरे रन के लिए दौड़ रहे हैं और एक-दूसरे को क्रॉस नहीं किए हैं, जबकि गेंद किसी अन्य फील्डर से नहीं रुकी और बाउंड्री पार कर गई तो दौड़ा हुआ दूसरा रन काउंट नहीं होगा. यानी दौड़कर लिया हुआ सिर्फ एक रन ही माना जाएगा और बाउंड्री के 4 रन मान्य होंगे. इसका मतलब बैटिंग टीम को 5 रन मिलेंगे. जैसा कि इस मैच में दावा किया जा रहा है. दूसरी ओर, हां, अगर यहां फील्डर के गेंद थ्रो करने से पहले दोनों बल्लेबाजों ने एक-दूसरे को क्रॉस कर लिया है तो दूसरा रन भी मान्य होगा. यानी बैटिंग टीम को कुल 6 रन मिल जाएंगे.
Source : एएनआई