महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य और धुरंधर बल्लेबाज रहे यशपाल शर्मा के निनधन पर शोक व्यक्त किया है. सचिन ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में यशपाल के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. सचिन ने अपने ट्वीट में कहा, यशपाल शर्मा जी के निधन से स्तब्ध और गहरा दुख हुआ. 1983 विश्व कप के दौरान उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखने की यादें ताजा हैं. भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. पूरे शर्मा परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. 1983 विश्व कप में जब यशपाल भारत के लिए खेल रहे थे तब सचिन की उम्र 9 साल की रही होगी. वह क्रिकेट के गुर सीख रहे थे और इस दौरान वह हर उस बल्लेबाज को देखना पसंद करते थे, जो तकनीकी रूप से मजबूत था और टीम के लिए योगदान देता था.
शर्मा को मंगलवार को मॉनिर्ंग वॉक से लौटने के बाद दिल का दौरा पड़ा और सुबह करीब साढ़े सात बजे वह गिर पड़े. इसी समय उन्होंने अंतिम सांस ली.दाएं हाथ के बल्लेबाज, जो 1983 विश्व कप में भारत के मध्य क्रम की रीढ़ थे, ने 37 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 1606 रन बनाए और 42 एकदिवसीय मैचों में 883 रन बनाए. उन्होंने पंजाब, हरियाणा और रेलवे का प्रतिनिधित्व करते हुए 160 प्रथम श्रेणी मैच भी खेले और 8933 रन बनाए.
लेकिन 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत में उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे ज्यादा याद किया गया. वह टूर्नामेंट में कप्तान कपिल देव के बाद भारत के लिए दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. यशपाल ने विश्व कप में 34.28 की औसत से 240 रन बनाए. शर्मा ने 1983 विश्व कप के अपने पहले मैच में वेस्टइंडीज पर 34 रन की जीत में भारत को 262/8 बनाने में मदद करने के लिए 89 (120 गेंदों पर) स्कोर किया था. मैनचेस्टर में उस जीत ने भारत को आगे बढ़ने और टूर्नामेंट जीतने का आत्मविश्वास दिया.
बीसीसीआई ने शोक व्यक्त किया
बीसीसीआई ने पूर्व टेस्ट क्रिकेटर यशपाल शर्मा के निधन पर मंगलवार को शोक व्यक्त किया. शर्मा ने 66 साल की आयु में मंगलवार को अंतिम सांस ली. नोएडा स्थित अपने आवास पर ह्रदय गति रुकने के कारण उनका निधन हुआ.37 टेस्ट और 42 वनडे में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2,489 रन बनाए. उनके नाम 2 शतक और 13 अर्धशतक भी थे. वह भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के प्रमुख सदस्य थे.
दाएं हाथ के बल्लेबाजी के साथ शानदार क्षेत्ररक्षक
एक शानदार क्षेत्ररक्षक और एक दमदार दाएं हाथ के बल्लेबाज, शर्मा टूर्नामेंट में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे, उन्होंने 240 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल थे - वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के शुरूआती मैच में 89 और इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनके 61 रनों को खासतौर पर याद किया जाता है. उन्होंने 160 प्रथम श्रेणी मैच खेले और लिस्ट ए क्रिकेट में 1859 रन के अलावा 8933 रन बनाए. उन्होंने 2004 से 2005 और बाद में 2008 से 2011 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी काम किया.
Source : IANS/News Nation Bureau