MS Dhoni, Yuvraj Singh, Suresh Raina : टीम इंडिया के पूर्व खब्बू बल्लेबज युवराज सिंह (Yuvraj Singh) इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं. वे लगातार कहीं न कहीं बात कर रहे हैं. इस बातचीत के दौरान बहुत सारी ऐसी बातें भी निकलकर सामने आ रही हैं, जो अभी तक किसी को भी पता नहीं थीं. ऐसी ही एक नई बात युवराज सिंह (Yuvi) ने बताई, युवराज सिंह ने बताया कि जब उन्होंने साल 2007 में T20 विश्व कप (T20 World Cup 2007) के दौरान छह गेंद पर छह छक्के (Six Ball Six Sixes) मार दिए थे, तब उनके उस बैट की जांच की गई थी, कुछ आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और मैच रैफरी तक ने बल्ले के बारे में युवराज सिंह से पूछा था.
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युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का मानना है कि किसी भी कप्तान का अपना मनपसंद खिलाड़ी होना आम बात है. जब बात महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की आती है तो वह सुरेश रैना (Suresh Raina) थे, जिसे टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) का समर्थन हासिल था. भारत के महानतम क्रिकेटरों में से एक युवराज सिंह ने बताया कि किस तरह 2011 विश्व कप के दौरान एमएस धोनी को चयन को लेकर सिरदर्द का सामना करना पड़ा, जब उन्हें अंतिम एकादश में उनके यानी युवराज सिंह, यूसुफ पठान और सुरेश रैना में से किसी दो को चुनना था. युवराज सिंह ने ‘स्पोर्ट्स तक’ से कहा, सुरेश रैना को तब काफी समर्थन हासिल था, क्योंकि एमएस धोनी उसका समर्थन करता था.
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देश के नामी खब्बू बल्लेबाजों में शुमार होने वाले युवराज सिंह ने कहा कि सभी कप्तानों के पसंदीदा खिलाड़ी होते हैं और मुझे लगता है कि उस समय माही ने रैना का काफी समर्थन किया. आखिरकार तीनों खिलाड़ियों ने प्लेइंग इलेवन में में जगह बनाई, यूसुफ पठान को हालांकि टूर्नामेंट के बीच में हटा दिया गया था. युवराज सिंह की भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका रही. युवराज सिंह ने कहा, उस समय यूसुफ पठान भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा था और मैं भी अच्छा कर रहा था और विकेट भी हासिल कर रहा था. सुरेश रैना उस समय अच्छी लय में नहीं था. युवराज सिंह ने कहा, उस समय हमारे पास बाए हाथ का स्पिनर नहीं था और मैं विकेट हासिल कर रहा था, इसलिए उनके पास कोई और विकल्प नहीं था. आपको यह भी बता दें कि सुरेश रैना ने अभी इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान नहीं किया है, लेकिन वे भारतीय टीम का हिस्सा भी नहीं है, जब तक एमएस धोनी टीम इंडिया के कप्तान हुआ करते थे, तब तक वे टीम में लगातार खेल भी रहे थे, लेकिन जब से टीम इंडिया की कमान विराट कोहली के हाथों में है, तब से अब तक कुछ मौकों को छोड़ दें तो सुरेश रैना का मौका नहीं मिला है. अब सुरेश रैना टीम इंडिया में वापसी के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक रैना को सफलता नहीं मिली है.
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आपको यह भी बता दें कि सुरेश रैना अभी भी एमएस धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हैं. साथ ही धोनी और रैना की दोस्ती काफी अच्छी मानी जाती है. जब दो साल के चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल से निलंबित कर दिया गया था, तब सुरेश रैना गुजरात लायन्स से खेले थे और उस टीम के कप्तान भी हुआ करते थे, हालांकि उनकी टीम कोई खास कमाल नहीं कर सकी और जब चेन्नई सुपरकिंग्स की वापसी हई तो धोनी और सुरेश रैना फिर से एक ही टीम के लिए खेलने लगे थे.
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आईपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की बात करें तो इस मामले में सुरेश रैना दूसरे नंबर पर आते हैं. सुरेश रैना आईपीएल में गजब की बल्लेबाजी करते हैं. सुरेश रैना के आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने अब तक 193 मैच खेले हैं, जिसमें से 189 बार वे बल्लेबाजी के लिए भी उतरे हैं. सुरेश रैना अब तक 5368 रन बना चुके हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद सौ रन है. यानी वे शतक भी लगा चुके हैं, लेकिन उनके खाते में मात्र एक ही शतक दर्ज है. सुरेश रैना का औसत 33.34 का है और उन्होंने 137 से भी ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं. सुरेश रैना के नाम एक शतक और 38 अर्धशतक दर्ज हैं. सुरेश रैना ने अब तक 493 चौके और 194 छक्के मारे हैं. सुरेश रैन अभी टीम इंडिया में नहीं हैं, लेकिन वे अभी टीम में जगह बना सकते हैं. हालांकि उम्र उनके साथ नहीं है, क्योंकि अब वे करीब 33 साल के हो चुके हैं. सुरेश रैना ने भारत के लिए आखिरी वन डे मैच जुलाई 2018 में खेला था, वहीं रैना ने आखिरी T20 मैच जुलाई 2018 में ही खेला था, उस वक्त उन्हें चोट लग गई थी और अब ठीक होने के बाद भी वे टीम में जगह नहीं बना पा रहे हैं.
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युवराज सिंह ने खुलासा किया कि उन्होंने 2007 T20 विश्व कप के दौरान जब स्टुअर्ट ब्राड के ओवर में छह छक्के जड़े थे तो उनके बल्ले पर सवाल उठाए गए थे जिसके बाद मैच रैफरी ने उनके बल्ले की जांच की थी. उन्होंने कहा, उस समय आस्ट्रेलियाई कोच मेरे पास आया था और मेरे से पूछा था कि क्या मेरे बल्ले के पीछे फाइबर लगा है और क्या यह वैध है. युवराज ने कहा, यहां तक कि एडम गिलक्रिस्ट ने भी मेरे से पूछा कि हमारे बल्ले कौन बनाता है. इसलिए मैच रैफरी ने भी मेरे बल्ले की जांच की. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो वह बल्ला मेरे लिए विशेष था. मैं इससे पहले बल्ले के साथ ऐसे कभी नहीं खेला था. वह बल्ला और 2011 विश्व कप का बल्ला विशेष थे. युवराज सिंह ने युवा प्रतिभा को निखारने के लिए सौरव गांगुली की सराहना की और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष को अपना पसंदीदा कप्तान चुना. उन्होंने कहा, दादा मेरे पसंदीदा कप्तान हैं. उन्होंने मेरा काफी समर्थन किया, सबसे अधिक. हम युवा थे, इसलिए उन्होंने प्रतिभा को भी निखारा.
(भाषा इनपुट)
Source : News Nation Bureau