भारत के पूर्व बल्लेबाज और सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को लगता है कि वह कोचिंग के बजाय लिमिटेड ओवरों के क्रिकेट अपने अनुभव के कारण सलाहकार की भूमिका बेहतर तरीके से निभा सकते हैं. युवराज सिंह केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) के साथ इंस्टाग्राम पर बातचीत में कहा कि वह कमेंट्री की जगह कोचिंग और मेंटरिंग को तरजीह देना चाहेंगे. युवराज सिंह ने कहा, मैं शायद कोचिंग शुरुआत करूंगा. मैं कॉमेंट्री करने से ज्यादा कोचिंग के लिए उत्सुक हूं. भारत को टी20 विश्व कप (2007) और एकदिवसीय विश्व कप (2011) में चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज ने कहा कि वह मध्यक्रम की बल्लेबाज के मानसिक पहलुओं पर युवाओं से बात कर सकते हैं.
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युवराज ने कहा, मैं सीमित ओवरों के बारे में ज्यादा जानता हूं और इसलिए मैं खिलाड़ियों से अपना अनुभव बांट सकता हूं कि वो नंबर 4, 5, 6 पर किस मानसिकता के साथ जा सकते हैं. पिछले साल अपने शानदार करियर को अलविदा कहने वाले युवराज सिंह ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि भारतीय टीम को मनोवैज्ञनिक की जरूरत है.
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युवराज सिंह ने कहा, मैं शायद मेंटॉर के तौर पर शुरुआत कर सकता हूं और अगर यह अच्छा रहा थो फुल टाइम कोचिंग. इस समय कॉमेंट्री कर रहे इंग्लैंड के पूर्व कप्तान पीटरसन ने युवराज से कॉमेंट्री में आने को कहा था. बाएं हाथ के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, मैंने सोचा है कि मैं एक साल का ब्रेक लूंगा. कुछ टूर्नामेंट्स खेलूंगा जो अच्छे होंगे. मैं आप लोगों के साथ आऊंगा और कॉमेंट्री सीखूंगा. मैं नहीं जानता कि मैं एक कॉमेंटेटर के तौर पर कैसा करूंगा. मैं आप लोगों से सीखूंगा. युवराज ने कहा कि वह अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिता रहे हैं और साथ ही उम्मीद जताई कि वह जल्द ही पिता बनेंगे. उन्होंने कहा, मैं अभी इस समय अपने परिवार के साथ समय बिता रहा हूं. मैं काफी समय पार्क में बिता रहा हूं. उम्मीद है जल्दी पिता बनूं और फिर कोचिंग, कॉमेंट्री में आऊं.
(input agency)
Source : Sports Desk