Oversized bat: क्रिकेट में अक्सर उस बल्लेबाज को श्रेष्ठ माना जाता है जो भारी बल्ले से खेलता है. सचिन तेंदुलकर सहित क्रिकेट में कई ऐसे बड़े बल्लेबाज हुए हैं जिनके बल्ले का वजन दूसरे खिलाड़ियों के बल्ले से ज्यादा होता था. बल्लेबाजों को लगता है कि भारी बल्ले से वे गेंद को बेहतर तरीके से प्लेस कर पाएंगे. साथ ही ताकत से ज्यागा प्लेसमेंट और टाइमिंग का इस्तेमाल करते हुए टीम के लिए रन बटोरेंगे. लेकिन बल्लेबाज सावधान हो जाएं. ऐसा करना उनके लिए हो न हो उनकी टीम के लिए नुकसान दायक हो सकता है.
टीम को हुआ बड़ा नुकसान
काउंटी चैंपियनशिप में एसेक्स और नाटिंघमशायर के बीच खेले गए मैच में एसेक्स के बल्लेबाज फिरोज खुशी ने ऐसा बल्ला यूज किया जो अनुमति दिए गए वजन से ज्यादा था. ये मैच अप्रैल में खेला गया था. अनुमति से ज्यादा वजन के बैट से खेलने की वजह से फिरोज की टीम एसेक्स को 12 प्वाइंट का नुकसान उठाना पड़ा है. ये नंबर काउंटी चैंपियनशिप की आयोजक संस्था द्वारा काटा गया. हालांकि इस मैच को एसेक्स 254 रन से जीतने में कामयाब रही थी और जीत से उसे 20 अंक मिले थे लेकिन 12 अंक गंवाने की वजह से उसके पास सिर्फ 8 अंक ही बचे.
क्या कहता है नियम?
नियम के मुताबिक बैट की चौड़ाई 10.8 सेमी से ज्यादा नहीं हो सकती है. वहीं उसकी गहराई 6.7 सेमी से ज्यादा नहीं हो सकती. बैट के किनारे 4 सेमी से ज्यादा नहीं हो सकते.निर्माण के बाद बैट को बैट गॉज टेस्ट से पास कराना पड़ता है. 2022 में भी डरहम को 10 प्वाइंट गंवाने पड़े थे जब उसके बल्लेबाज निक मैडिसन का बैट ओवर साईज पाया गया था. इसलिए क्रिकेट्स के लिए जरुरी है कि वे फिल्ड में उतरने से पहले ये जांच कर ले कि उनका बैट नियम के मुताबिक है या नहीं. अन्यथा वे टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- AFG vs NZ: बिना एक भी गेंद फेंके रद्द हुआ अफगानिस्तान-न्यूजीलैंड टेस्ट, अफगान टीम को बड़ा नुकसान
ये भी पढ़ें- Sanju Samson: दिलीप ट्रॉफी में भी संजू सैमसन फ्लॉप, ऐसा न हो कि टीम इंडिया के साथ घरेलू क्रिकेट से भी गायब हो जाएं
ये भी पढ़ें- Duleep Trophy: स्टाईल में काला चश्मा लगाकर बैटिंग करने आया था टीम इंडिया का दिग्गज, शून्य पर हुआ आउट, उड़ा मजाक