दुनिया फुटबॉल (Football) की सबसे बड़ी संस्था फीफा (FIFA) द्वारा ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के बैन करने के बाद से भारत (India) में फुटबॉल के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी साल अक्टूबर में भारत को अंडर-17 महिला फुटबॉल वर्ल्ड (FIFA U-17 Women's World Cup 2022) की मेजबानी करनी थी जिस पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं. फीका द्वारा बैन किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और भारत सरकार (Indian Government) इस मामले को लेकर एक्टिव हुए. आज सुप्रीम कोर्ट ने फिर से इस मामले में सुनवाई की है और एक अहम कदम उठाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को संचालन करने वाली प्रशासकों की समिति को भंग कर दिया है. प्रफुल्ल पटेल को AIFF के पद से हटाये जाने के बाद इस समिति को बनाया गया था. लेकिन अब कोर्ट ने इसे भंग कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अब AIFF का संचालन पूरी तरह से बोर्ड के मौजूदा जनरल सेक्रेटरी करेंगे. कोर्ट ने इसी महीने 28 अगस्त को होने वाले AIFF को भी एक हफ्ते के लिए टाल दिया है, ताकि वोटिंग सिस्टम को सही किया जा सके.
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भारत में फुटबॉल का कंट्रोल ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के हाथों में है. फीफा ने यह करते हुए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन को सस्पेंड कर दिया कि इसमें अभी पूरी तरह से तीसरी पार्टी का दखल है. फीका ने कहा जबतक इसमें अपना संविधान लागू नहीं होता तब तक भारत सस्पेंड रहेगा.
क्या भारत करेगा अंडर-17 महिला वर्ल्ड की मेजबानी?
भारत में अक्टूबर से शुरू होने वाले अंडर-17 महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसमें अहम फैसला लिया है. कोर्ट ने पूरा संचालन AIFF बोर्ड को सौंप दी है, इससे AIFF पर लगे बैन को लेकर कोई रास्ता निकल सकता है.
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