इंग्लैंड ने मंगलवार देर रात स्पार्टक स्टेडियम में खेले गए प्री-क्वार्टर फाइनल के आखिरी मैच में कोलंबिया को पेनाल्टी शूट आउट में 4-3 से मात देकर फीफा विश्व कप के 21वें संस्करण के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है।
क्वार्टर फाइनल में उसका सामना स्वीडन से होगा जिसने मंगलवार को ही स्विट्जरलैंड को 1-0 से मात देकर 1994 के बाद पहली बार अंतिम-8 में कदम रखा है।
इंग्लैंड के कप्तान हैरी कैन ने 58वें मिनट में पेनाल्टी पर ही गोल कर इंग्लैंड को 1-0 से आगे कर दिया था। लग रहा था कि इंग्लैंड इसी स्कोर से जीत जाएगी, लेकिन 93वें मिनट में येरी मीना ने गोल कर कोलंबिया को बराबरी दिला दी।
यहां से मैच अतिरिक्त समय में गया और 30 मिनट के अतिरिक्त समय में दोनों टीमें गोल नहीं कर पाईं। नतीजतन मैच पेनाल्टी शूट आउट में गया जहां इंग्लैंड ने बाजी मारते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई।
इंग्लैंड के इस मैच के हीरो उसके गोलकीपर जोर्डन पिकफोर्ड रहे जिन्होंने कार्लोस बारका के शॉट को रोक उसे जीत दिलाई। हालांकि बारका से पहले माटेयुस यूरिबे गेंद को बार पर मार बैठ कोलंबिया के लिए एक मौका गंवा चुके थे।
इंग्लैंड के लिए कैन, मार्कस रैशफोर्ड, केरन त्रिपेइर और एरिक डायर ने पेनाल्टी शूटआउट में गोल किए जबकि जोर्डन हेंडरसन ने पेनाल्टी मिस की। कोलंबिया के लिए रादेमाल फाल्को, जुयान कआड्राडो, लुइस मुरिएल ने पेनाल्टी को गोल में तब्दील किया।
पहले हाफ में गेंद लगभग दोनों के बराबर रही। अंतर यह रहा कि इंग्लैंड अधिकतर मौकों पर कोलंबिया के पेनाल्टी एरिया में ज्यादा दिखी और उसने मौके भी ज्यादा बनाए जबकि कोलंबिया पेनाल्टी एरिया के अंदर अपनी मौजूदगी कम ही दिखा सकी।
पहले हाफ में त्रिपेइर ने कोलंबिया को खासा परेशान किया। उन्होंने मौकों को भुनाने की बहुत कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके।
छठे मिनट में एशले यंग ने कॉर्नर को गोल में बदलने के प्रयास किया जिसके बीच में कोलंबिया के गोलकीपर डेविड ओस्पिना आ गए। यहां त्रिपेइर ने तुरंत मौका बनाया जो विफल हो गया। 13वें मिनट में भी त्रिपेइर के शॉट को कोलंबिया के डिफेंस ने क्लीयर कर दिया। तीन मिनट बाद त्रिपेइर ने कप्तान हैरी केन को क्रास दिया जिस पर कप्तान ने हेडर लगाया जो बाहर चला गया।
इस बीच कोलंबिया भी कोशिश में लगातार बना रहा। तमाम प्रयासों के बाद भी हालांकि वो इंग्लैंड के डिफेंस को भेदते हुए बड़ा मौका नहीं बना सका।
काफी कोशिशों के बाद भी दोनों टीमें गोल नहीं कर पा रही थीं। इसी बीच 42वें मिनट में बॉक्स के कोने से इंग्लैंड को फ्री किक मिली और इस बार भी त्रिपेइर का शॉट बेहद करीब से बाहर चला गया। पहले हाफ में त्रिपेइर ने मौके तो बनाए लेकिन केन, लिंगार्ड उन्हें अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। इंग्लैंड के लिए हालांकि पहले हाफ में फाल्को को शांत रखना बड़ी अपलब्धि थी।
और पढ़ें: विबंलडन 2018: राफेल नडाल ने जीता तीसरा ग्रैंड स्लैम, गोफिन हुए उलटफेर का शिकार
केन हालांकि दूसरे हाफ में चूके नहीं और 58वें मिनट में पेनाल्टी को गोल में तब्दील कर अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। 56वें मिनट में इंग्लैंड को कॉर्नर मिला।
इसी बीच कोलंबिया के मिडफील्डर कार्लोस सांचेज ने केन को पेनाल्टी एरिया में गिरा दिया। यहां इंग्लैंड को पेनाल्टी मिली और सांचेज को येलो कार्ड। केन ने मौका नहीं गंवाया और गेंद को नेट में डाल अपनी टीम को आगे कर दिया।
लग रहा था कि इंग्लैंड 1-0 से ही मैच जीत क्वार्टर फाइनल में जगह बना लेगी। यहां कोलंबिया की किस्मत चमकी और इंजुरी टाइम में कोलंबिया को कॉर्नर मिला और येरी मीना ने हेडर के जरिए गेंद को नेट में डाल मैच का स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया।
यहां से मैच अतिरिक्त समय में और वहां से पेनाल्टी शूटआउट में गया और इंग्लैंड पहली बार विश्व कप में पेनाल्टी शूट आउट में जीतने में सफल रहा। इससे पहले वो तीन बार पेनाल्टी शूटआउट में विश्व कप में मैच गंवा चुकी है।
और पढ़ें: ENG vs IND T-20: कुलदीप के पंजे और राहुल के शतक से हारा इंग्लैंड
Source : IANS