फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) की तैयारी कतर में तेजी से चल रही है. क्योंकि वर्ल्ड कप का आगाज होने में अब कुछ घंटे ही बाकी हैं. फीफा वर्ल्ड कप 2022 का आगाज 20 नवंबर, रविवार से हो रहा है. फैंस फीफा वर्ल्ड कप का इंतजार काफी लंबे वक्त से कर रहे हैं. क्योंकि फीफा वर्ल्ड कप में इतना रोमांच होता है कि दुनिया की सांसे थम जाती हैं. वर्ल्ड कप के आगाज मुकाबले में कतर (Qatar) और इक्वाडोर (Ecuador) की भिड़ंत होगी. आज हम आपको फुटबाल के रेड कार्ड और येलो कार्ड के बारे में बताएंगे कि आखिर ये कार्ड खिलाड़ियों को क्यों दिए जाते हैं.
फुटबाल (Football) के खेल में रेड कार्ड (Red Card) और येलो कार्ड (Yellow Card) फाउल के नियम में आता है. फुटबाल में तीन तरह के फाउल होते हैं. जिसमें पहला येलो कार्ड, दूसरा रेड कार्ड और तीसरा ऑफसाइड (Offside) होता है. येलो कार्ड की बात करें तो खिलाड़ियों को येलो कार्ड उइस वक्त दिया जाता है. जब मैच रेफरी किसी खिलाड़ी को गलत व्यवहार करते हुए पाता है. यानि कि अगर कोई खिलाड़ी मैच दौरान गलत व्यवहार करता है तो रेफरी उस खिलाड़ी को येलो कार्ड दिखाकर मैदान के बाहर भेज सकता है.
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फुटबाल मैच (Football Match) के दौरान येलो कार्ड (Yellow Card) के बाद अगर खिलाड़ी के व्यवहार में बिल्कुल भी बदलाव नहीं आता है और फिर मैच के दौरान गलत व्यवहार करता है तो मैच रेफरी उस खिलाड़ी को रेड कार्ड (Red Card) दिखाकर मैदान से बाहर भेज देता है. येलो कार्ड की वजह से मैदान के बाहर बैठे खिलाड़ी की जगह कोई दूसरा खिलाड़ी मैदान के अंदर नहीं आ सकता है. अगर किसी खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखा कर बाहर किया गया है तो टीम में खिलाड़ियों की संख्या में कमी आ जाती है.
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येलो कार्ड (Yellow Card) और रेड कार्ड (Red Card) के बाद ऑफसाइड (Offside) भी एक तरह का फाउल होता है. इसके तरह आगे का कोई भी खिलाड़ी गेंद का बिना बचाव किए किसी दूसरे खिलाड़ी के आगे नहीं जा सकता है. इस सतर्कता ये बरतनी होती है कि विपक्षी टीम के गोल रेखा के नजदीक कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो उसे फाउल माना जाता है. फुटबाल में ये तीनों फाउल किसी भी टीम के लिए काफी खतरे वाले होते हैं.
Source : Sports Desk