फीफा वर्ल्ड कप 2022 (FIFA World Cup 2022) में इंग्लैंड के खिलाफ मैच से पहले ईरानी खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रगान गाने से इंकार करने के बाद टूर्नामेंट में एक और विवाद सामने आया है. जापान (Japan) के खिलाफ अपने मैच से पहले फोटो खिंचवाने के दौरान जर्मनी (Germany) के फुटबॉल खिलाड़ियों ने अपने मुंह को हथेली से ढंककर 'वनलव' आर्मबैंड पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. वर्ल्ड कप के ई ग्रुप के मैच से पहले इस मौन विरोध प्रदर्शन में जर्मनी की टीम के सभी फुटबॉल खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. उस वक्त दुनिया के कोने-कोने से आए फोटोग्राफर जर्मनी की टीम फोटो लेने के लिए मैदान पर मौजूद थे. सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेसर ने भी स्टेडियम में 'वनलव' आर्म बैंड पहन रखा था. उस वक्त नैंसी फेडरेशन इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (FIFA) अध्यक्ष जियानी इंफेंटिनो के साथ बैठी थीं.
जर्मनी का फुटबॉल महासंघ आया खिलाड़ियों के साथ
विरोध प्रदर्शित करती फोटो के बाद जर्मनी के फुटबॉल महासंघ (डीएफबी) ने एक ट्वीट कर कहा मानवाधिकारों से कोई समझौता स्वीकार नहीं हैं. डीएफबी ने अपनी ट्वीट में कहा, 'यह कोई राजनीतिक स्टैंड नहीं है, मानवाधिकारों के मसले पर कोई समझौता मान्य नहीं होगा. आर्मबैंड को प्रतिबंधित करना वास्तव में हमारे अभिव्यक्ति के अधिकार को प्रतिबंधित करने जैसा है.' वैश्विक फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) सात यूरोपीय टीमों को विविधता और सहिष्णुता के प्रतीक आर्म बैंड पहनने पर प्रतिबंधित करने की चेतावनी जारी कर चुका है. गौरतलब है कि कतर में समलैंगिकता अवैध है. इसके पहले फेसर भी फीफा की आलोचना कर चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि प्रतिबंधों का डर दिखाना गलत है और ऐसा व्यवहार कतई स्वीकार नहीं है.
यह भी पढ़ेंः FIFA World Cup: फुटबॉल खिलाड़ी मैदान पर क्यों थूकते हैं, जानें इसके पीछे का विज्ञान
जर्मनी की गृह मंत्री ने भी पहना 'वनलव' आर्मबैंड
खेल से पहले दोहा पहुंचने पर नैंसी फेसर ने कहा था, 'जिस तरह से फुटबॉल महासंघों पर दबाव बनाया जा रहा है, वह सही नहीं है. आज के दौर में यह समझ से परे है कि फीफा नहीं चाहता कि लोग खुले तौर पर असहिष्णुता और भेदभाव के खिलाफ खड़े हों. यह हमारे समय के न तो अनुकूल है और ना ही यह लोगों के लिए उचित है.' जर्मनी के फुटबॉल महासंघ (डीएफबी) ने एक बयान जारी कर कहा, 'हम अपने कप्तान द्वारा पहने गए आर्मबैंड को जर्मनी की राष्ट्रीय टीम की विविधता और परस्पर सम्मान से जुड़े मूल्यों की पक्षधरता बतौर लेते हैं. अन्य देशों के साथ हम भी चाहते हैं कि हमारी आवाज सुनी जाए. यह कोई राजनीतिक स्टैंड नहीं है, मानवाधिकारों के मसले पर कोई समझौता मान्य नहीं होगा. इस मसले को हल्के में लिया गया, लेकिन यह वास्तव में मसला इससे भी अलग है. ऐसे में यह संदेश हमारे लिए महत्वपूर्ण हो गया था. आर्मबैंड पहनने पर रोक लगाना हमारी आवाज नहीं सुनने जैसा मसला है. हम अपने पक्ष पर कायम हैं.'
HIGHLIGHTS
- 'वनलव' आर्मबैंड पहनने पर फीफा ने सात यूरोपीय टीमों को दी चेतावनी
- इसके विराध में जापान से मैच के पहले जर्मनी की टीम ने आर्म बैंड पहना
- साथ ही मुंह को हथेली से ढंककर प्रतिबंध के खिलाफ जताया मौन विरोध