China in Olympics: पेरिस ओलंपिक 2024 धीरे धीरे अपनी समाप्ति की और बढ़ रहा है. 11 अगस्त को खेलों का ये महाकुंभ समाप्त हो जाएगा. हर बार की तरह चीन का प्रदर्शन ओलंपिक में बेहतरीन रहा है. ये रिपोर्ट लिखे जाने तक चीन 30 गोल्ड, 25 सिल्वर और 19 ब्रांज सहित कुल 74 मेडल के साथ मेडल सूची में दूसरे स्थान पर है.
वहीं भारत 1 सिल्वर और 4 ब्रांज के साथ 64 वें स्थान पर है. आखिर ऐसा क्या है जिसकी वजह से चीन हर बार ओलंपिक की सर्वाधिक सफल टीमों में से एक होता है जबकि हम सूची में काफी पीछे खड़े होते हैं. इसे समझने के लिए आपको एक ये 53 सेकेंड का वीडियो देखना होगा जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है.
कठोर ट्रेनिंग से गुजरते हैं
कहा जाता है कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती. इसके लिए सालों तक लंबा संघर्ष करना पड़ता है और अगर ओलंपिक में मेडल जीतने की बात होती है तो ये संघर्ष और भी कठिन और लंबा होता है. चीन इस बात को भलि भांति समझता है. यही वजह है कि चीन छोटी उम्र से ही खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देना शुरु कर देता है. ट्रेनिंग कठोर होती है और इतनी कठोर की शायद आपको करनी हो तो आप भाग खड़े हों. लेकिन चीनी बच्चे भागते नहीं बल्कि डंटे रहते हैं और इसका परिणाम दिखता है ओलंपिक में जब गोल्ड और सिल्वर मेडल की झड़ी लग जाती है.
देखें 53 सेकेंड की वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. 53 सेकेंड के इस वीडियो में 5 साल के बच्चे एथलेटिक्स के अलग अलग खेल में कठिन परिश्रम करते हुए दिख रहे हैं. कुछ बच्चे खुशी खुशी ट्रेनिंग कर रहे हैं तो कुछ के चेहरे पर आंसू हैं लेकिन ट्रेनिंग नहीं रुकी है. इन छोटे बच्चों ने ऐसे ऐसे करतब दिखाएं हैं जिसे देख बड़े बड़े एथेलीट्स के रोंगटे खड़े हो जाएं लेकिन चीन की सफलता का यही राज है. यही छोटे बच्चे जब 10 साल या फिर 15 साल की लगातार ट्रेनिंग के बाद ओलंपिक में पहुंचते हैं तो उनकी हर एफर्ट पर मेडल लिखा होता है.
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