Bangladesh: बांग्लादेश इस वक्त बुरी तरह जल रहा है. देश में विवादित आरक्षण प्रणाली को खत्म करने की मांग को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं. सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा. अब इन सबके बीच अक्टूबर महीने में बांग्लादेश की मेजबानी में होने वाले महिला टी-20 वर्ल्ड कप 2024 पर संकट मंडराता दिख रहा है. हालांकि, आईसीसी बांग्लादेश की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है.
ICC ने क्या कहा
महिला टी-20 वर्ल्ड कप 2024 3 से 20 अक्तूबर के बीच बांग्लादेश में खेला जाने वाला है. लेकिन, इस वक्त बांग्लादेश में फैली अराजकता को देखकर हर किसी के मन में सवाल है कि क्या आईसीसी इन हालातों के बीच इतने बड़े इवेंट को बांग्लादेश में होने देगी. आईसीसी ने नजर बना रखी है.
इस बीच आईसीसी के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि, 'आईसीसी के पास अपने सभी सदस्य देशों में एक स्वतंत्र सुरक्षा निगरानी प्रणाली है. स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है, लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने में सात सप्ताह बाकी हैं. ऐसे में इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी कि टूर्नामेंट को बांग्लादेश से स्थानांतरित किया जाएगा या नहीं.'
बांग्लादेश में मचा हुआ है बवाल
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर कई दिनों से छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना उसपर ध्यान ना देकर नजरअंदाज कर रही थीं. छात्रों की मांग थी कि मुक्ति संग्राम में विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म कर दिया जाए, मगर सरकार उनकी बात सुन ही नहीं रही थी. अब सवाल उठता है कि आखिर यह मुक्ति संग्राम क्या है? मुक्ति संग्राम यानी पाकिस्तान से जब 1971 में पश्चिमी पाकिस्तान से बांग्लादेश का निर्माण हुआ और उस काल को मुक्ति संग्राम कहा जाता है.
मुक्ति संग्राम में शहीद लोगों के परिवारों को नौकरियों में 30% की छूट दी जा रही थी. छात्र चाहते हैं कि इस रिजर्वेशन को खत्म कर दिया जाए. छात्रों की मांग पर इसे खत्म कर दिया गया था, मगर हाई कोर्ट ने इसे बहाल कर दिया, जिसके बाद विरोध तेज हो गया. प्रदर्शन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया और इसे 30 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया. इसके बाद भी प्रदर्शनकारी नहीं रुके.