पांच बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया गुरुवार को यहां ऐजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड के साथ होने वाले आईसीसी विश्व कप-2019 के दूसरे सेमीफाइनल को जीतकर आठवीं बार फाइनल में कदम रखना चाहेगी. वहीं, इंग्लैंड क्रिकेट टीम अपने घरेलू दर्शकों के सामने चौथी बार फाइनल खेलने के इरादे से मैदान में उतरेगी. ऑस्ट्रेलियाई टीम वर्ष 1975, 1987, 1996, 1999, 2003, 2007 और 2015 के फाइनल में पहुंच चुकी है, जिसमें से वह 1975 और 1996 में ही उपविजेता रही है. बाकी हर बार उसने खिताब पर कब्जा जमाया है. दूसरी तरफ इंग्लैंड की टीम इससे पहले 1979, 1987 और 1992 में फाइनल में पहुंच चुकी है, लेकिन तीनों बार उसे उप विजेता बनकर ही संतोष करना पड़ा.
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ऑस्ट्रेलियाई टीम आईसीसी विश्व कप के इस संस्करण के ग्रुप चरण में नौ मैचों में सात जीत और दो हार के साथ 14 अंक लेकर दूसरी नंबर पर रही थी. वहीं, इंग्लैंड की टीम नौ मैचों में छह जीत और तीन हार के साथ 12 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर रही थी. मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया सबसे पहले सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली टीम बनी थी जबकि इंग्लैंड ने भारत और न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का किया था. ऑस्ट्रेलिाई टीम दक्षिण अफ्रीका के हाथों अपना अंतिम लीग मैच 10 रनों से हार गई थी, अन्यथा वह शीर्ष स्थान के साथ लीग चरण का समापन करती.
विश्व कप शुरू होने से पहले यह कहा जा रहा था कि मेजबान इंग्लैंड और भारत इस खिताब के दावेदार हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से अपने लिए संभावनाएं जगा दी हैं. इंग्लैंड को लीग चरण में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 64 रनों से शिकस्त झेलनी पड़ी थी. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली हार के बाद ऑस्ट्रेलिया की अंतिम एकादश में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. पीटर हैंड्सकॉम्ब को चोटिल शॉन मार्श की जगह टीम में शामिल किया गया है और वह अब इस विश्व कप में अपना पहला मैच खेल सकते हैं. वहीं, मांसपेशियों में खिंचाव की शिकायत की वजह से उस्मान ख्वाजा को विश्व कप से बाहर होना पड़ा है और विकेटकीपर मैथ्यू वेड को टीम में शामिल किया गया है.
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इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को दोनों हार रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मिली है. पहली हार उसे भारत के खिलाफ और दूसरी हार दक्षिण अफ्रीका से मिली. ऐसे में टीम चाहेगी कि वह टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करे. ऑस्ट्रेलिया को एक बार फिर अपने ओपनर डेविड वॉर्नर से शानदार प्रदर्शन की उम्मीद होगी, जो टूर्नामेंट के नौ मैचों में अब तक 638 रन बना चुके हैं. वहीं, गेंदबाजी में टीम को मिशेल स्टार्क से काफी उम्मीदें होगी, जो अब तक इस विश्व कप में 26 विकेट चटका चुके हैं. दूसरी तरफ इंग्लैंड की टीम अपने अनुभवी बल्लेबाज जो रूट और जॉनी बेयरस्टो से काफी उम्मीदें लगाए होगी जो अब तक क्रमश: 500 और 462 रन जड़ चुके हैं. गेंदबाजी में जोफ्रा आर्चर अब तक 17 विकेट झटक चुके हैं जबकि मार्क वुड के खाते में 16 विकेट हैं.
टीम:
ऑस्ट्रेलिया: एरॉन फिंच (कप्तान), जेसन बेहरेनडार्फ, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), नाथन कूल्टर नाइल, पैट कमिंस, मैथ्यू वेड, नाथन लॉयन, पीटर हैंड्सकॉम्ब, ग्लैन मैक्सवेल, केन रिचर्डसन, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस, डेविड वॉर्नर और एडम जैम्पा.
इंग्लैंड: इयॉन मॉर्गन (कप्तान), मोइन अली, जोफ्रा आर्चर, जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर), जॉस बटलर, टॉम कर्रन, लियाम डॉसन, लियाम प्लंकेट, आदिल राशिद, जो रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स विंस, क्रिस वोक्स और मार्क वुड.
Source : IANS