आज का दिन क्रिकेट की दुनिया के लिए बहुत अहम और खास है. आज से ठीक एक साल पहले यानी 14 जुलाई 2019 (14 July 2019) को क्रिकेट के जन्मदाता कहे जाने वाले इंग्लैंड ने पहली बार विश्व कप (World Cup 2019) जीता था. यानी इससे पहले खेले गए 11 विश्व कप में से कभी भी इंग्लैंड ने विश्व कप नहीं जीता था, लेकिन 12वीं बार में उसका नंबर आया, लेकिन वह भी विवादों में घिरा रहा. यह अब तक का पहला विश्व कप था, जिसमें फाइनल मैच टाई (World Cup Final Tai) हुआ और उसके बाद जब सुपर ओवर (Super Over Match) खेला गया तो वह भी टाई हो गया. उसके बाद बाउंड्री यानी चौकों के आधार पर विश्व विजेता चुना गया. यह पहली बार हुआ था.
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पिछले साल का विश्व कप 20 मई से शुरू हुआ था और 14 मई को इसका फाइनल खेला गया. इस विश्व कप में टीम इंडिया के विश्व कप जीतने की काफी संभावना थी. टीम ने अपने लीग मैच लगातार जीत और रोहित शर्मा शानदार फार्म में थे, लेकिन सेमीफाइनल में भारतीय टीम का विजय रथ रुक गया और टीम बाहर हो गई. यह सेमीफाइनल मैच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी का अब तक आखिरी मैच भी साबित होता जा रहा है, अब आगे धोनी इंटरनेशनल मैच खेलेंगे या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
साल 2019 के विश्व कप फाइनल की खास बात यह थी कि फाइनल से पहले ही पता चल गया था कि इस बार दुनिया को नया विश्व विजेता मिलेगा. क्योंकि फाइनल में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की टीमें पहुंची थी, जो उस वक्त तक कभी भी विश्व कप नहीं जीत पाई थीं.
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यह मैच खेला भी उस मैदान पर गया, जिसे क्रिकेट का मक्का कहा जाता है. यानी लंदन के लार्ड्स के विश्व प्रसिद्ध मैदान पर. इस मैच में न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. इसके बाद टीम ने 50 ओवर में आठ विकेट पर 241 रन बनाए थे, यानी इंग्लैंड को पहली बार विश्व कप जीतने के लिए 242 रन बनाने थे. लेकिन जब इंग्लैंड की टीम जब बल्लेबाजी के लिए उतरी तो टीम ने 50 ओवर में नौ विकेट के नुकसान पर ठीक उतने ही रन बनाए, जितने न्यूजीलैंड ने बनाए थे, यानी 241 रन. यानी इसी के साथ मैच टाई हो गया. इसके बाद सुपर ओवर का सहारा लिया गया. जो विश्व कप ही नहीं, बल्कि आईसीसी के किसी भी बड़े टूर्नमेंट में कभी कभार ही देखने को मिलता है.
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इसके बाद क्रिकेट का रोमांच पूरी दुनिया पर चढ़ चुका था. इसके बाद इंग्लैंड की टीम एक ओवर की बल्लेबाजी करने उतरी. गेंद न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के हाथ में थी, वहीं बल्ला लेकर सामने खड़े थे बेन स्टोक्स और जॉस बटलर. इस तरह से दोनों ने मिलकर छह गेंदों में 15 रन बना दिए. अब बारी न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों की थी. अब गेंद जोफ्रा आर्चर के हाथ में थी और क्रीज पर थे मार्टिन गुप्टिल और दूसरी ओर थे जिमी नीशम. कमाल तो तब हो गया, जब न्यूजीलैंड की टीम ने भी छह गेंद में 15 रन ही बनाए और मैच फिर से टाई हो गया. इसके बाद मामला फंसा तो बाउंड्री के आधार पर मैच का रिजल्ट आया. बाउंड्री काउंट की गई तो पता चला कि न्यूजीलैंड की पारी में 14 चौके और दो छक्के लगे थे, वहीं इंग्लैंड की ओर से कुल 22 चौके और दो छक्के लगे थे. छक्के बराबर थे, लेकिन चौकों के मामले में इंग्लैंड जीत गया, यानी इसके साथ ही विश्व कप 2019 भी जीत लिया.
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दुर्भाग्य की बात यह रही कि इससे पहले के विश्व कप में यानी 2015 में भी न्यूजीलैंड की टीम फाइनल तक पहुंची थी, लेकिन फाइनल नहीं जीत पाई. 2015 में उसे आस्ट्रेलिया ने हराया था, वहीं 2019 में इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा. वहीं इंग्लैंड की टीम भी चौथी बार फाइनल खेलने उतरी थी, तब उसे जीत मिली, यानी तीन बार उसे फाइनल में पहुंचकर भी विश्व कप जीतने का मौका नहीं मिल सका था. विश्व कप के करीब 40 साल के इतिहास में इंग्लैंड ने पहली बार विश्व कप अपने नाम किया था.
Source : Sports Desk