IND Vs PAK: विराट कोहली की सेना से पहले इस 'भूत ' से निपट ले पाकिस्तान, फिर जीतने की सोचे

ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान में 16 जून को जब पाकिस्‍तानी टीम भारत (IND Vs Pak) के खिलाफ उतरेगी तो जहां उसका मनोबल गिरा हुआ होगा

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Drigraj Madheshia
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IND Vs PAK: विराट कोहली की सेना से पहले इस 'भूत ' से निपट ले पाकिस्तान, फिर जीतने की सोचे
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वर्ल्ड कप 2019 (Cricket World Cup 2019) में पाकिस्‍तानी क्रिकेट टीम के पीछे एक 'भूत' पड़ा हुआ है. इस भूत से पीछा पाकिस्‍तान के इमरान खान, जावेद मियांदाद, आमिर सोहेल, सईद अनवर, इंजाममुल हक, वकार यूनुस, वसीम अकरम जैसे दिग्‍गज क्रिकेटर भी नहीं छुड़ा पाए. अब बारी है पाकिस्‍तान के कप्‍तान सरफराज अहमद की. ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान में 16 जून को जब पाकिस्‍तानी टीम भारत (IND Vs Pak) के खिलाफ उतरेगी तो जहां उसका मनोबल गिरा हुआ होगा, वहीं पीछे एक ऐसा 'भूत' पड़ा है, जो हर वर्ल्ड कप में पाकिस्‍तान को दबोच लेता है. खासकर जब मुकाबला टीम इंडिया से हो. आइए जानें कैसा और कौन है यह 'भूत' जो पाकिस्‍तान के नाक में दम कर रखा है...

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यहां से शुरू हुई 'भूत' की कहानी 

पाकिस्‍तान के पीछे पड़े इस 'भूत' की कहानी शुरू होती है 1992 के विश्‍व कप से. विश्‍व कप में यह पहला मौका था जब भारतीय टीम पाकिस्‍तान से भिड़ी. ऑस्‍ट्रेलिया के सिडनी में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी की और 49 ओवर में 7 विकेट खोकर सिर्फ 216 रन का ही स्‍कोर खड़ा किया. अजय जडेजा ने 46 रन बनाए. पांचवें नंबर पर बल्‍लेबाजी करने उतरे सचिन तेंदुलकर नाबाद *54 (62)रन बनाए.

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आमिर सोहेल 62 (95) और जावेद मियांदाद 40 (110) की धीमी बल्‍लेबाजी और मनोज प्रभाकर (2/22)की किफायती गेंदबाजी ने पाकिस्‍तान को हार के मुंह में ढकेल दिया. कपिल देव ने भी शानदार गेंदबाजी करते हुए 30 रन देकर दो विकेट झटके. पाकिस्‍तान की पूरी टीम 173 रन पर ढेर हो गई. इंडिया यह मुकाबला 43 रन से जीता. यहीं से पाकिस्‍तान के पीछे भारत से हार का 'भूत' पड़ गया.

92 का 'भूत' 96 में पाकिस्‍तान को पटका

विश्‍व कप में भारत से पहले मैच में हार की टीस भुलाने के लिए पाकिस्‍तान एक बार फिर कमर कस चुका था. लेकिन हार का 'भूत' इस कदर हावी था कि टीम इंडिया ने उसे गहरा जख्‍म दे दिया. 1996 के विश्‍व कप के दूसरे क्‍वार्टर फाइनल में टीम इंडिया और पाकिस्‍तान की भिड़ंत बेंगलुरू के चिन्‍ना स्‍वामी स्‍टेडियम में Mar 9 1996 को हुई. टॉस जीतकर टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 8 विकेट पर 287 रन बनाया. भारत की ओर से सबसे अधिक रन 93 नवजोत सिंह सिद्धू ने बनाए. 288 रन का पीछा करती हुई पाकिस्‍तान की टीम निर्धारित ओवरों में 9 विकेट खोकर केवल 248 रन ही बना सकी. टीम इंडिया ने यह मैच 39 रन से जीता. मैन ऑफ द मैच रहे नवजोत सिंह सिद्धू.

1999 : देश बदला पर 'भूत' ने नहीं छोड़ा पीछा

लगातार दो विश्‍व कप में पाकिस्‍तान की भारत के हाथों मिली हार न तो उनके फैंस पचा पा रहे थे और न ही उनका क्रिकेट बोर्ड. कोच यानी यूं कहें इस भूत से निजात दिलाने के लिए पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड ने जावेद मियांदाद को नियुक्‍त किया, लेकिन फिर वही कहानी. मियांदाद के मंत्र काम नहीं आए और मिली एक और हार. हुआ कुछ यूं कि इस बार विश्‍व कप का आयोजन इंग्‍लैंड में हुआ. ऑस्‍ट्रेलिया और इंडिया के बाद अब 'हार का भूत' मैनचेस्‍टर (Manchester)में पहुंच गया. यहां भारतीय टीम के कप्‍तान मोहम्‍मद अजरुद्दीन ने टॉस जीत कर पहले बल्‍लेबाजी करने का फैसला किया. राहुल द्रविड़ 61 (89) और मोहम्‍मद अजहरुद्दीन 59 (77) के अर्ध शतकों की बदौलत टीम इंडिया ने 50 ओवर में 6 विकेट खोकर 227 रन बनाए.

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वैसे तो 'हार का भूत' पाकिस्‍तान के सिर पर सवार था लेकिन नाच रहा था भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद के सिर पर. प्रसाद की शानदार गेंदबाजी के आगे यह छोटा सा दिखने वाला स्‍कोर पहाड़ बन गया और इसके नीचे पाकिस्‍तान की टीम दब गई. प्रसाद के पंजे (5/27) में फंसकर पाकिस्‍तानी बल्‍लेबाजी ताश के पत्‍तों की तरह बिखर गई. पूरी पाकिस्‍तानी टीम 180 रन पर ढेर हो गई और टीम इंडिया ने यह मैच 47 रन से जीत लिया. मैन ऑफ द मैच रहे वेंकटेश प्रसाद. यानी इस 'भूत' ने यहां भी पाकिस्‍तान को नहीं छोड़ा.

2003: सेंचुरियन (दक्षिण अफ्रीका) में भी 'भूत' का साया

पाकिस्‍तान की टीम में खिलाड़ियों की दूसरी पीढ़ी आ गई पर भूत ने पीछा नहीं छोड़ा. ऑस्‍ट्रेलिया, इंडिया और इंग्‍लैंड के बाद अब पाकिस्‍तान की टीम दक्षिण अफ्रीका में थी. टीम इंडिया से हार के ' भूत' से पीछा छुड़ाने के लिए PCB ने अफ्रीका के सोखा (कोच) रिचर्ड पाइबस को बुलाया, लेकिन वह भी हार मान गए. हुआ कुछ यूं कि टॉस जीतकर पहले उतरी पाकिस्‍तान की टीम ने सलामी बल्‍लेबाज सईद अनवर के शतक के बदौलत 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 273 रन का स्‍कोर खड़ा किया. 274 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 4 विकेट खोकर 276 रन बनाकर मैच अपनी झोली में डाल ली. जबकि 26 गेंदें अभी शेष थीं. भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने 98 (75) और युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने नाबाद 50 रन बनाए. मैन ऑफ द मैच रहे मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर. यानी 'भूत' का कहर जारी रहा.

2011: 'भूत' का धोबिया पाट और पाकिस्‍तान चित

पिछले 19 साल से पाकिस्‍तान इस 'भूत' से पीछा छुड़ाने की जद्दोजहद कर रहा था. इस बार मुकाबला बड़ा था. भारत को हराकर पाकिस्‍तान विश्‍व कप के फाइनल में पहुंच जाता, लेकिन यह 'भूत' कुछ ज्‍यादा ही जिद्दी है. हुआ कुछ यूं कि 2011 के विश्‍व कप के दूसरे सेमी फाइनल में टीम इंडिया का मुकाबला अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्‍तान से था. भारतीय बल्‍लेबाजों और गेंदबाजों के शानदार फार्म से ज्‍यादा डर पाकिस्‍तान को वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खिलाफ पिछला इतिहास से था. और यह डर सही साबित हुआ. टीम इंडिया ने पाकिस्‍तान को 29 रन से मात दे दी. जीत के नायक रहे सचिन तेंदुलकर.

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30 मार्च 2011 को मोहाली में हुए इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी करते हुए भारत ने 9 विकेट पर 260 रन बनाए. विरेंद्र सहवाग 38 (25) की छोटी लेकिन विस्‍फोटक पारी ने शनदार शुरुआत दी. मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर ने संभलकर खेलते हुए सबसे ज्‍यादा 85 (115) रन बनाकर आउट हुए. भारत ने पाकिस्‍तान को 261 रन का लक्ष्य दिया. जवाब में उतरी पाकिस्‍तान की पूरी टीम 231(49.5 OVERS) रन पर ढेर हो गई. भारत की ओर से जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने दो-दो विकेट चटकाए. मैन ऑफ द मैच रहे सचिन तेंदुलकर. भूत ने पाकिस्‍तान का सपना तोड़ दिया.

2015: एडिलेड (ऑस्‍ट्रेलिया) में भी नहीं बख्‍शा

अब यह भूत 23 साल का हो गया है. पहले से ताकतवर और ज्‍यादा आक्रामक. भूत की ताकत को देखते हुए इस बार तांत्रिक बने मिकी आर्थर. लेकिन आर्थर के सारे तीर फेल हो गए. पाकिस्‍तान को हार के भूत ने ऐसा जकड़ा कि पूछो मत. हुआ कुछ यूं कि 2015 के विश्‍व कप में एक बार फिर भारत ने टॉस जीत कर पहले बल्‍लेबाजी करते हुए 300 रन बनाए. विराट कोहली के शानदार शतक और कोहली के संग धवन व रैना की शतकीय साझेदारियों की बदौलत टीम इंडिया ने पाकिस्‍तान को मुश्‍किल लक्ष्य दिया. धवन ने 73 और सुरेश रैना ने धमाकेदार 74 रन बनाए. लक्ष्य का पीछा कर रहे पाकिस्‍तान ने अपना पहला विकेट 11 रन पर ही गंवा दिया.

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वर्षा से बाधित मैच में मिस्‍बाउल हक (76) और अहमद सज्‍जाद (47) ही थोड़ा संघर्ष कर सके. मोहम्‍मद शमी की कहर बरपाती गेंदों के सामने पाकिस्‍तानी बल्‍लेबाज रनों के लिए तरस गए. निर्धरित ओवरों में पाकिस्‍तान 224(47 OVERS) रन ही बना सका और टीम इंडिया यह मैच 76 रनों से जीत गई. शानदार शतक के लिए विराट कोहली को मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिला.

2019ः भारत से 'हार का भूत' खड़ा है

अब 2019 की बारी. एक बार फिर पाकिस्‍तान के सामने वहीं भारत से 'हार का भूत' खड़ा है तांत्रिक भी वही मिकी ऑर्थर. वर्ल्ड कप 2019 (Cricket World Cup 2019) के तहत ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान में 16 जून को जब पाकिस्‍तानी टीम भारत (IND Vs Pak) के खिलाफ उतरेगी तो उसके जेहन में विराट कोहली (Virat Kohali) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के गरजते बल्‍ले, चहल (Yuzvendra Chahal) की फिरकी और जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की कहर बरपाती गेंदों से ज्‍यादा खौफ इस भूत का होगा. 1992 से लेकर 2015 तक के सात विश्‍व कप में 6 बार पाकिस्‍तान की हार की पटकथा इसी ने लिखी. और पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत की मानें तो इस बार भी यह भूत पाकिस्‍तान को नहीं छोड़ने वाला.

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