आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 (ICC World Cup 2019) के आगाज में अब चंद दिन ही रह गए हैं. इंग्लैंड में हो रहे क्रिकेट के इस महाकुंभ में टीम इंडिया और मेजबान इंग्लैंड के जीतने की संभावनाएं प्रबल हैं. भारत ने पहला विश्व कप 1983 में और कपिल देव और दूसरा 2011 में महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में जीता था. विश्वकप में खेलने के दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने वर्ल्ड कप इतिहास में अनेक रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. आइए एक नजर डालते हैं इन खास रिकॉर्डस पर...
ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश
भारत एकमात्र ऐसा देश है, जो विश्व कप में 50 ओवर और 60 ओवर दोनों में विजेता रहा है. 1983 में जब भारत ने पहली बार कप जीता तो 60 ओवर का फॉर्मेट था. 2011 में यह फॉर्मेट 50 ओवर का हो गया. वर्ल्ड कप 1983 में भारत की टीम ने कपिल देव के नेतृत्व में इस टूर्नामेंट में भाग लिया. भारत की टीम को अन्य टीमों के मुकाबले कमजोर माना जा रहा था, लेकिन कपिल देव की यह टीम फाइनल में पहुंच गई. फाइनल में उसका मुकाबला वेस्टइंडीज से था. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 183 रन बनाए. जवाब में वेस्टइंडीज की धुरंधरों से भरी टीम 140 रन पर ढेर हो गई.
विश्व कप में तेंदुलकर का डंका
विश्व कप इतिहास के सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ियों में सचिन तेंदुलकर टॉप पर हैं. उन्होंने विश्व कप की 44 पारियों में 2278 रन बनाए हैं. सचिन ने 1992 में पहली बार विश्व कप खेला और अंतिम बार 2011 में जीत के साथ वह विश्व कप से विदा हुए. 1996 में उन्होंने 500 और 2003 में 650 रन बनाए. सचिन के अलावा कोई भी दूसरा बल्लेबाज विश्व कप इतिहास में 2000 रन पार नहीं कर पाया है. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रिकी पोन्टिंग हैं, जिन्होंने 42 मैचों में 1743 रन बनाए हैं. अन्य भारतीय खिलाड़ियों में सौरव गांगुली ने विश्व कप में 1000 रन बनाए हैं.
विश्व कप इतिहास में पहली 300 रन की साझेदारी
वनडे क्रिकेट में केवल तीन 300 रनों की साझेदारियों हुई हैं. इनमें से दो 1999 के विश्व कप में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हुईं. श्रीलंका के खिलाफ टाउंटन में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के बीच विश्व कप इतिहास की पहली 300 रनों की साझेदारी हुई. जब इन दोनों ने 300 से अधिक रन बना लिए तो यह वनडे क्रिकेट की सबसे ब़ड़ी साझेदारी साबित हुई दोनों के बीच दूसरी विकेट के लिए 318 रन बने. गांगुली ने 183 रन बनाए जो किसी भी भारतीय द्वारा विश्व कप इतिहास में बनाया गया सर्वाधिक स्कोर है. भारत ने पारी में कुल 373 रन बनाए और आसानी से मैच जीत लिया.
तीसरी और 9वीं विकेट लिए सबसे अधिक भागीदारी
1983 के विश्व कप में जिंबाब्वे के खिलाफ 17 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद कपिल देव बल्लेबाजी करने उतरे. अच्छी पार्टनरिशप के बावजूद भारत का स्कोर 8 विकेट पर 140 रन तक पहुंच पाया. कपिल और किरमानी के बीच 9वें विकेट के लिए 126 रन की भागीदारी हुई. यह विश्व कप क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा है. कपिल ने इस मैच में नाबाद 175 रन की पारी खेले और भारत 31रन से मैच जीता. विश्व कप क्रिकेट में तीसरे विकेट की पार्टनरशिप का रिकार्ड भी भारत के नाम है. 1999 में केन्या के खिलाफ राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर के बीच तीसरे विकेट के लिए 237 रन की भागीदारी हुई.
विश्व कप में सर्वाधिक निजी स्कोर
2003 का विश्व कप भारतीय फैन्स के लिए सबसे यादगार है. इस विश्व कप में सचिन ने 673 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया के ओपनर मैथ्यू हेडन 2007 में इस रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गए, लेकिन वह 659 रन ही बना सके और दूसरे नंबर रहे. 2003 के विश्व कप में सचिन ने नामिबिया के खिलाफ सर्वाधिक 150 से अधिक की पारी खेली. यह सबसे अधिक निजी स्कोर है. हालांकि सचिन ने पाकिस्तान के वसीम अकरम, वकार युनूस और शोएब अख्तर के खिलाफ 98 रन भी बनाए. इस विश्व कप में सचिन को 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' घोषित किया गया.
Source : DRIGRAJ MADHESHIA