Umpires Call Rule : शुक्रवार को चेन्नई के चेपाक स्टेडियम में पाकिस्तान को साउथ अफ्रीका के हाथों नजदीकी हार का सामना करना पड़ा. ये हार पाक के लिए चुभने वाली है, क्योंकि अब उनके लिए वर्ल्ड कप 2023 में सेमीफाइनल में पहुंचना मुश्किल से नामुमकिन हो गया है. इसके बाद से ही चारों तरफ अंपायर्स कॉल को लेकर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है. तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स व क्रिकेटर्स भी आईसीसी के 'अंपायर्स कॉल' नियम की भर-भर के आलोचना कर रहे हैं. तो आइए आपको डीटेल में बताते हैं आखिर ये होता क्या है...
क्या होता है 'अंपायर्स कॉल'?
Umpires Call को लेकर क्रिकेट के गलियारों में बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया पर फैंस भी इस नियम के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. असल में, जब गेंद और स्टंप के बीच संपर्क होने का फासला बहुत छोटा (कम) या उसमें किसी तरह की भी शंका हो तो थर्ड अंपायर इसे अंपायर्स कॉल करार देता है. यानी जो फैसला ग्राउंड अंपायर दे चुका है, वही फाइनल माना जाता है. फिर चाहें मैदानी अंपायर ने आउट दिया हो या नॉटआउट दिया हो...
अंपायर्स कॉल ने डुबाई पाकिस्तान की लुटिया
साउथ अफ्रीका के साथ खेले गए मुकाबले में हारिस रॉफ द्वारा 46वें ओवर में फेंकी गई आखिरी गेंद की बात कर रहे हैं, जिसमें तबरेज शम्सी को LBW देने की अपील हुई. मगर, अंपायर ने बिलकुल दिलचस्पी नहीं दिखाई और कप्तान बाबर आजम ने रिव्यू ले लिया. जहां, देखा गया कि गेंद लेग स्टंप पर कुछ हद तक टकराकर आगे जा रही थी, लेकिन Umpires Call दिया गया. चूंकि, फील्ड पर मौजूद अंपायर ने नॉटआउट दिया था, तो साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज शम्सी को नॉटआउट करार दिया गया और पाक के हाथ से मैच निकल गया.
अंपायर्स कॉल को कोसना कितना सही?
सोशल मीडिया पर Umpires Call को लेकर बहस छिड़ी हुई है. भारतीय दिग्गज हरभजन सिंह ने भी आईसीसी के इस नियम की आलोचना की. लेकिन, सोचने वाली बात ये भी है कि भले ही अंपायर्स कॉल फैसले के चलते पाकिस्तान, अफ्रीका के खिलाफ नहीं जीत पाया. लेकिन, उसने वर्ल्ड कप 2023 में पहले से ही निराशाजनक प्रदर्शन किया और खुद के लिए सेमीफाइनल के दरवाजे बंद करवा दिए. हालांकि, ये पहला मामला नहीं है कि अंपायर्स कॉल मिलने पर विवाद हुआ हो, इससे पहले भी कई बड़े मुकाबलों में ICC के इस फैसले ने रिजल्ट पर असर डाला है.
Source : Sports Desk