भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच गुरूवार को चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो (VIVO) के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के आगामी सत्र के लिए टाइटल प्रायोजन करार निलंबित कर दिया है. बीसीसीआई ने एक लाइन का बयान भेजा, जिसमें कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है. इसमें सिर्फ इतना ही कहा गया है कि वीवो इस साल आईपीएल के साथ नहीं जुड़ा होगा. बता दें कि आईपीएल का 13वां सीजन 19 सितंबर से यूएई में शुरू हो रहा है. टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 10 नवंबर को खेला जाएगा.
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प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘बीसीसीआई और वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 2020 में इंडियन प्रीमियर लीग के लिए अपनी साझेदारी को निलंबित करने का फैसला किया है.’’ वीवो ने 2018 से 2022 तक पांच साल के लिए 2190 करोड़ रुपये (प्रत्येक वर्ष करीब 440 करोड़ रुपये) में आईपीएल प्रायोजन अधिकार हासिल किए थे। बीसीसीआई के अपने संविधान के अनुसार नए टाइटल प्रायोजक के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने की संभावना है.
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इससे पहले रविवार को हुई आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो टूर्नामेंट की स्पॉन्सर बनी रहेगी. इसके पीछे आईपीएल के अधिकारियों ने कहा था कि मौजूदा वित्तीय संकट को देखते हुए इतने कम समय में नया स्पॉन्सर ढूंढना काफी मुश्किल है. इस फैसले के बाद देशभर में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल का जबरदस्त विरोध हुआ था. जिसके बाद वीवो ने खुद आईपीएल की स्पॉन्सरशिप से पीछे हटने का फैसला लिया था.
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भारत और चीन के बीच जारी राजनीतिक तनातनी के बीच देशभर में चीनी वस्तुओं के साथ-साथ उनकी सेवाओं का भी जबरदस्त विरोध हो रहा है. ऐसे में गवर्निंग काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के बाद देशभर में एक बार फिर विरोध की आग भड़क उठी थी. आरएसएस और स्वदेशी जागरण मंच ने भी आईपीएल का चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के साथ जुड़े रहने का विरोध किया था. इतना ही नहीं, आईपीएल और वीवो के बीच इस रिश्ते से नाराज संगठनों ने देश की जनता से इंडियन प्रीमियर लीग का भी बहिष्कार करने की अपील की थी.
Source : News Nation Bureau