19 सितंबर से यूएई (UAE) में शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सीजन में चीनी मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो (Vivo) स्पॉन्सर नहीं होगी. रविवार को हुई आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में ये फैसला लिया गया था कि चीनी मोबाइल कंपनी वीवो टूर्नामेंट की स्पॉन्सर बनी रहेगी. इस फैसले के बाद देशभर में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल का जबरदस्त विरोध हुआ था. जिसके बाद वीवो को अब आईपीएल की स्पॉन्सरशिप से हटा दिया गया है.
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भारत और चीन के बीच जारी राजनीतिक तनातनी के बीच देशभर में चीनी वस्तुओं के साथ-साथ उनकी सेवाओं का भी जबरदस्त विरोध हो रहा है. ऐसे में गवर्निंग काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के बाद देशभर में एक बार फिर विरोध की आग भड़क उठी थी. आरएसएस और स्वदेशी जागरण मंच ने भी आईपीएल का चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के साथ जुड़े रहने का विरोध किया था. इतना ही नहीं, आईपीएल और वीवो के बीच इस रिश्ते से नाराज संगठनों ने देश की जनता से इंडियन प्रीमियर लीग का भी बहिष्कार करने की अपील की थी.
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रविवार को हुई बैठक में आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल में स्पॉन्सरशिप के लिए वीवो को रीटेन करने का फैसला लिया गया था. इसके पीछे आईपीएल के अधिकारियों ने कहा था कि मौजूदा वित्तीय संकट को देखते हुए इतने कम समय में नया स्पॉन्सर ढूंढना काफी मुश्किल है. बताते चलें कि साल 2017 में चीनी मोबाइल कंपनी वीवो ने आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 2199 करोड़ रुपये की डील की थी.
Source : News Nation Bureau