राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को सात विकेट से हरा दिया. राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाजों ने चेन्नई को 20 ओवरों में पांच विकेट खोकर 125 रनों पर रोक दिया और फिर इस लक्ष्य को 17.3 ओवरों में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. राजस्थान के लिए जोस बटलर ने नाबाद 70 रन बनाए. उन्होंने अपनी पारी में 4 गेंदों का सामना कर सात चौके और दो छक्के लगाए. कप्तान स्टीव स्मिथ ने नाबाद 26 रन बनाए. चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल सका. रवींद्र जडेजा 30 गेंदों पर 35 रन बनाकर सर्वोच्च स्कोरर रहे. सैम कुरैन ने 25 गेंदों पर एक चौके और एक छक्के की मदद से 22 रन बनाए. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 28 रन बनाए. राजस्थान रॉयल्स के लिए जोफ्रा आर्चर, कार्तिक त्यागी, राहुल तेवतिया, श्रेयस गोपाल ने एक-एक विकेट लिए. लेकिन अब सवाल ये हैं कि एमएस धोनी आखिर कहां मात खा गए और स्टीव स्मिथ ने ऐसा क्या किया जो उनकी टीम जीत गई, चलिए जानते हैं पांच सबसे बड़े कारण.
- सैम करन से ओपनिंग कराना
चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी पिछले कुछ मैचों से लगातार सैम करन को ही ओपनिंग के लिए भेज रहे हैं. सैम करन के साथ फैफ डुप्लेसी आ रहे हैं. अभी तक एक भी मैच में सैम करन ऐसा नहीं कर पाए हैं, जो याद किया जाए. लेकिन इसके बाद भी लगातार उन्हें सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजा जा रहा है. इस मैच में भी सैम करन 25 गेंद में 22 रन ही बना सके. वे तेजी से रन बनाने के लिए भेजे जाते हैं, लेकिन वे उस तरह रन नहीं बना पा रहे हैं, इससे टीम की शुरुआत एक बार फिर खराब हो गई. - बहुत छोटा स्कोर
पहले फैफ डुप्लेसी आउट हुए, फिर शेन वाटसन भी आउट हो गए और जिनसे कप्तान एमएस धोनी को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, यानी सैम करन वे भी आउट हो गए. अंबाती रायडू ने कुछ अच्छे शॉट लगाए, लेकिन वे नाकाफी थे. एमएस धोनी का बल्ला एक बार फिर नहीं चला. वे 28 गेंद में 28 रन ही बना सके. लगातार धोनी का बल्ला नहीं चल रहा है. इसलिए बहुतत छोटा स्कोर टीम बना पाई. 125 रन के छोटे से स्कोर को बचा पाना नामुमकिन तो नहीं, लेकिन बहुत ज्यादा मुश्किल जरूर था. - केदार जाधव टीम में क्यों हैं
चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने एक बार फिर केदार जाधव पर भरोसा किया. वे खेल भी रहे हैं और कुछ कर भी नहीं पा रहे हैं. न तो केदार जाधव गेंदबाजी कर रहे हैं, न ही वे ऐसे फील्डर हैं, जो 15-20 रन ही बचा ले. वे बतौर बल्लेबाज ही खेलते हैं, उसमें भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, फिर भी धोनी ऋतुराज गायकवाड या फिर एम जगदीशन जैसे किसी युवा को मौका देने के बजाय केदार जाधव को ही खिला रहे हैं, वे गेंदें ज्यादा खेलते हैं और रन कम बनाते हैं, इस मैच में भी केदार जाधव ने सात गेंद पर मात्र चार ही रन बनाए. - अच्छी शुरुआत का फायदा न उठा पाना
चेन्नई की टीम जब छोटे से स्कोर को बचाने के लिए मैदान में उतरी तो जरूरी था कि दो से तीन विकेट कम से कम पावर प्ले में गिर जाएं. तेज गेंदबाज दीपक चाहर और जोश हेजलवुड ने ऐसा किया भी. दोनों ने शानदा गेंदबाजी की, यही कारण था कि जल्दी जल्दी तीन विकेट तो गिर गए और लगा कि मैच लड़ जाएगा, लेकिन उसके बाद जैसे ही तेज गेंदबाज गए और स्पिनर्स आए, उनकी पिटाई शुरू हो गई. जोश बटलर और स्टीव स्मिथ में से एक भी विकेट और गिर जाता तो फिर राजस्थान के नए खिलाड़ी आते और उन्हें फंसाना आसान हो जाता. लेकिन तीन विकेट लेने के बाद उस तरह का प्रदर्शन टीम नहीं कर पाई, जिसकी जरूरत थी और राजस्थान ने मैच जीत लिया. - उम्रदराज खिलाड़ियों को लगातार मौके देना
चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी की खुद भी उम्र काफी हो गई है, वहीं बाकी सभी खिलाड़ी भी उम्रदराज हैं. इसलिए इस टीम की फील्डिंग भी उस तरह की नहीं है, जो बाकी टीमों की है. लगातार टीम उन्हीं खिलाड़ियों के साथ उतरती रही, जो कुछ खास नहीं कर पा रहे थे, ऐसे में एक चांस लेते हुए कुछ युवा बल्लेबाजों और गेंदबाजों को खेलाया जा सकता था, जो टीम नहीं कर पा रही है. लगातार हार के बाद भी टीम मैनेजमेंट इस दिशा में सोचने की कोशिश नहीं कर रहा है, ये भी टीम पर भारी पड़ रहा है.