इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का जन्म साल 2008 में हुआ था. बीसीसीआई ने टी-20 की ताकत पहचान ली थी और साल 2008 में जब आईपीएल का आयोजन हुआ, तो क्रिकेट से संन्यास ले चुके शेन वॉर्न को दुनिया ने दोबारा क्रिकेट के मैदान पर देखा. शेन वॉर्न न सिर्फ खिलाड़ी, बल्कि कप्तान और कोच की तिहरी भूमिका में थे. उनके चमत्कारी नेतृत्व में राजस्थान रॉयल्स ने फाइनल मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स को हराकर पहली बार आईपीएल चैंपियन होने का गौरव हासिल किया. राजस्थान रॉयल्स के लिए ये इकलौता मौका था, जब वो चैंपियन बनी थी. इसके बाद शेन वॉर्न ने टीम से किनारा कर लिया और राजस्थान रॉयल्स के लिए भी कभी दोबारा चैंपियन बनने का मौका नहीं आया.
1 जून 2008. आईपीएल का पहला फाइनल मुकाबला. आमने-सामने थीं राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स. राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी. चेन्नै नई पांच विकेट पर 163 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया. राजस्थान की टीम को इस टूर्नमेंट में किसी ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी थी. टीम में कई युवा खिलाड़ी थे. वहीं अन्य टीमों में सितारों की भरमार थी। पर शेन वॉर्न की जादुई कप्तानी में इस युवा टीम ने कई बड़े नामों से सजी टीमों को पटखनी दी.
ऐसा था फाइनल मुकाबला, वॉर्न ने आखिर तक थामे रखा एक छोर
राजस्थान रॉयल्स के स्टार यूसुफ पठान दमदार बल्लेबाजी कर रहे थे. उनके साथ थे कप्तान शेन वॉर्न. राजस्थान की टीम को 14 गेंद पर 21 रन चाहिए थे तब पठान 39 गेंद पर 56 रन बनाकर रन आउट हो गए. ऐसे में वॉर्न का साथ देने आए सोहेल तनवीर. पाकिस्तानी गेंदबाज ने इस टूर्नमेंट में गेंद से कमाल दिखाया था लेकिन अब बारी बल्ले की थी. वॉर्न और तनवीर ने स्कोर को आगे बढ़ाने का काम किया. आखिरी ओवर में राजस्थान को जीत के लिए 8 रन चाहिए थे. लक्ष्मीपति बालाजी की पहली तीन गेंद पर 2 रन बने. अब बाकी तीन गेंद पर छह रनों की जरूरत थी. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम का पलड़ा अब भारी दिख रहा था. लेकिन चौथी गेंद पर मैच ने रुख पलटा. बालाजी ने ऑफ स्टंप के बाहर वाइड गेंद फेंकी. तनवीर ने उसे जाने दिया और पार्थिव पटेल गेंद को सही तरीके से पकड़ नहीं पाए. बल्लेबाजों ने छोर बदल लिया. यानी बिना वैध गेंद के रॉयल्स को दो रन मिल गए। चौथी गेंद पर पर वॉर्न ने एक रन ले लिया. अब दो गेंद पर तीन रन चाहिए थे. तनवीर ने पांचवीं गेंद, जो फुल टॉस थी को फ्लिक किया और दो रन बटोर लिए. आखिरी गेंद एक रन की जरूरत थी, जिसपर सोहेल ने मिड ऑन की तरफ शॉट लगाया और वॉर्न के साथ विजयी रन बना लिया. मैच में राजस्थान रॉयल्स ने तीन विकेट से जीत हासिल की. और इसी के साथ आईपीएल को पहला चैंपियन मिल गया था. ये चैंपियन टीम थी राजस्थान रॉयल्स और इसके लिए तिहरी भूमिका में थे जादुई शेन वॉर्न.
थाईलैंड में शेन वॉर्न का निधन
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न (Australia cricket legend Shane Warne) का निधन हो गया है. शुरुआती जानकारी में हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत होने की खबर है. शेन वॉर्न 52 साल के थे. घटना के समय वो थाई लैंड के कोह समुई (Koh Samui, Thailand) में थे. शेन वॉर्न के मैनेजमेंट का काम देखने वाली कंपनी ने उनकी मौत की खबर दी. जानकारी के मुताबिक, शेन वॉर्न (Shane Warne) अपने विला में अचेत अवस्था में पाए गए.
शेन वॉर्न की फैन फॉलोइंग पूरी दुनिया में थी. वो अपने फन में माहिर थे. उन्होंने क्रिकेट की दुनिया का सबसे जादुई स्पिनर माना जाता था. उन्होंने 15 साल के इंटरनेशनल करियर में 708 टेस्ट विकेट लिये थे. उनके नाम 'बॉल ऑफ द सेंचुरी' का अनोखा रिकॉर्ड दर्ज था. वो दुनिया में सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने के मामले में मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) के बाद दूसरे नंबर पर थे.
HIGHLIGHTS
- दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न का निधन
- राजस्थान रॉयल्स को बनाया था आईपीएल का चैंपियन
- थाईलैंड में हुई वॉर्न की मौत
Source : News Nation Bureau