Best Captain IPL 2023 : आईपीएल 2023 के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. सभी टीमों ने अपनी प्लानिंग पर काम करना शुरू कर दिया है. दिसंबर के आखिरी हफ्ते में मिनी ऑक्शन होता हुआ हमें नजर आएगा. जिसके बाद सभी टीमों की रूपरेखा हमारे सामने आ जाएगी. आईपीएल की जब भी बात होती है तो हमेशा उनके कप्तानों का जिक्र भी होता है. महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा आईपीएल के इतिहास के दो ऐसे कप्तान हैं जो अपनी-अपनी टीमों को सबसे ज्यादा बार खिताब दिला चुके हैं. आज आपको उन 3 कप्तानों के बारे में बताते हैं जो आईपीएल के इतिहास में सबसे ज्यादा सफल रहे हैं.
यह भी पढ़ें: IPL 2023: आईपीएल में कभी एक टीम से खेलने वाले आमने-सामने, होगी कड़ी टक्कर
महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni)
धोनी इस समय चेन्नई सुपर किंग के कप्तान हैं. साल 2008 से ही लगातार वह चेन्नई की कप्तानी करते हुए नजर आ रहे हैं. पिछले सीजन की बात करें तो टीम ने रविंद्र जडेजा पर भरोसा जताया था लेकिन जडेजा के कुछ खास कमाल न कर पाने के बाद टीम मैनेजमेंट ने वापस से धोनी को कप्तान बना दिया. इस सीजन एक बार फिर से चेन्नई के फैंस की नजर धोनी पर है. क्योंकि यह उनका आखिरी सीजन हो सकता है. रिकॉर्ड की बात करें तो महेंद्र सिंह धोनी ने 210 मैचों में 123 में चेन्नई की टीम को जीत दर्ज कराई है. उनकी सफलता का प्रतिशत 58.85 का रहा है.
यह भी पढ़ें: IPL 2023: इन दो खिलाड़ियों पर लक्ष्मी होंगी खुश! हो सकती है पैसों की बारिश
रोहित शर्मा (Rohit Sharma)
महेंद्र सिंह धोनी के बाद दूसरा सबसे बड़ा नाम है मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा का. रोहित अपनी टीम को आईपीएल में सबसे ज्यादा बार खिताब दिलवा चुके हैं. हालांकि सफलता के प्रतिशत के मामले में धोनी से वह थोड़ा सा ही पीछे हैं. रोहित ने 143 मैचों में कप्तानी की है और 79 मैचों में टीम को जीत दिलाई है. अगर सफलता प्रतिशत की बात करें तो वह है 56.64 का.
IPL 2023 में कोहली और शास्त्री आ सकते हैं साथ, मिल सकता है ये रोल
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir)
महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा के नाम बाद नाम आता है गौतम गंभीर का. जहां मुंबई इंडियंस ने 5 बार आईपीएल खिताब जीता है वहीं चेन्नई सुपरकिंग्स ने चार बार. और उसके बाद बारी आती कोलकाता की. जिन्होंने 2 बार गंभीर की कप्तानी में ही आईपीएल अपने नाम करने में सफलता पाई है. गंभीर ने 129 मैचों में कप्तानी की है और टीम को 71 मैचों में जीत दिलाई है. सफलता प्रतिशत की बात करें तो वह 55.42 का रहा है.