IPL 2020 Big Update : आईपीएल 2020 की तैयारियां जोरों पर है, लेकिन इस बीच बीसीसीआई (BCCI) के लिए सबसे मुश्किल आईपीएल (IPL 13) की स्पॉन्सरशिप है. अब आईपीएल 13 में 40 से भी कम दिन बचे हैं, लेकिन अभी तक आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर (IPL Sponsorship) तय नहीं हो पाया है. हालांकि बीसीसीआई का कहना है कि 18 अगस्त तक नया स्पॉन्सर मिल जाएगा. इस बीच पता चला है कि जब से बीसीसीआई ने टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए टेंडर निकाले हैं. इसके लिए कई बड़ी कंपनियां सामने आई हैं. हालांकि इस बीच आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस बार एक साल के स्पॉन्सरशिप के लिए बीसीसीआई को करीब 300 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
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आईपीएल के साथ पांच साल के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप करने वाली कंपनी वीवो के पीछे हट जाने से अब आईपीएल के लिए कोई स्पॉन्सरशिप नहीं है. हालांकि इस बीच अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कई बड़ी कंपनियां बीसीसीआई के साथ आईपीएल की स्पॉन्सरशिप की डील करने के काफी करीब पहुंच गई हैं. उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते बीसीसीआई की ओर से इस बारे में ऐलान कर दिया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार ऐमजॉन, बायजूस और ड्रीम 11 में जबरदस्त टक्कर देखने के लिए मिल रही है, वहीं कई और कंपनियां भी मुकाबला दे रही हैं. योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के प्रवक्त पहले ही कह चुके हैं कि वे आईपीएल के दावा पेश करेंगे. वहीं अब खबर यह भी है कि शिक्षा प्रोद्यौगिकी कंपनी अनअकैडमी की नजरें भी इस लीग पर लगी हूई हैं. पता चला है कि अनअकैडमी ने बोली लगाने के लिए फार्म लिया है लेकिन इसके आगे कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सीनियर अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि मैं यह पुष्टि कर सकता हूं कि अनअकैडमी ने दिलचस्पी दिखाई है और बोली लगाने के लिए पेपर लिए हैं. मैंने सुना है कि वे बोली सौंपेंगे और इस बारे में गंभीर हैं.
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बताया जाता है कि बीसीसीआई अब चार महीने 13 दिन के लिए इससे कम कीमत 300 से 350 करोड़ के बीच के करार के लिए कंपनी ढूंढ रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि अब जो भी कंपनी आएगी, उसे 450 करोड़ की स्पॉन्सरशिप इससे कम दाम में मिल सकती है. बताया जाता है कि अगर बोर्ड 300 करोड़ रुपये तक भी जुटा लेता है तो यह वीवो के जाने से हुए नुकसान का तीन चौथाई हिस्सा होगा. कम दाम में डील का एक कारण कम समय भी है. नया स्पॉन्सरशिप केवल दिसंबर तक के लिए ही होगा. इसका ऐलान बीसीसीआई पहले ही कर चुका है.
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आपको बता दें कि भारत और चीन की सीमा पर सैनिकों के बीच हुई भिंड़त के कारण इस साल वीवो ने टाइटल प्रायोजन अधिकार से हटने का फैसला किया जो सालाना 440 करोड़ रूपये देता था. यह पूछने पर कि केंद्रीय प्रायोजन और टाइटल प्रायोजन में क्या अंतर है तो बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय प्रायोजन में जर्सी अधिकार शामिल नहीं होते. अधिकारी ने कहा कि आईपीएल में जर्सी लोगो सिर्फ टाइटल प्रायोजक का ही हो सकता है, भले ही टीम के विभिन्न प्रायोजक हों. अगर वे टाइटल प्रायोजक बन गये तो इससे उन्हें विभिन्न ब्रांडिंग चीजों पर अधिकार मिल जाएंगे.
Source : Sports Desk