IPL 2020 Update : अब आईपीएल 2020 को नया स्पॉन्सर (IPL Sponsorship) मिलने वाला है. हालांकि इस बीच कई बड़ी कंपनियों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने के लिए मिल रही है. अभी तक जो कंपनियां किसी न किसी रूप में क्रिकेट से जुड़ी हुई हैं, वह तो कड़ा मुकाबला कर ही रही हैं, साथ ही इस बार कुछ नई कंपनियां भी दांव खेलने के लिए तैयार बैठी हैं. हालांकि इस बार की आईपीएल स्पॉन्सरशिप (IPL Sponsorship) किसे मिलेगी, इसके बारे में अभी तक किसी को कोई अंदाजा नहीं है. लेकिन माना जा रहा है अब किसी भी वक्त नए स्पॉन्सर का ऐलान बीसीसीआई (BCCI) की ओर से कर दिया जाएगा.
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इस बीच ताजा घटनाक्रम के अनुसार टाटा समूह ने इस साल इंडियन प्रीमियर लीग का टाइटल प्रायोजक बनने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी ईओआई जमा कर दिया है, वहीं दूसरी ओर एजूकेशन फील्ड की कंपनी अनअकैडमी भी इस दौड़ में शामिल दिख रही हैं. वहीं स्पोर्ट्स मंच ड्रीम11 भी इस साल चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो की जगह लेने के लिए मुकाबला कर रही हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख शुक्रवार तक ही थी. आईपीएल का आयोजन 19 सितंबर से 10 नवंबर तक इस साल संयुक्त अरब अमीरात में किया जाएगा.
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इस बीच टाटा ग्रुप के सामने आने से अब टाइटल स्पॉन्सरशिप की होड़ काफी रोचक हो गई है. वहीं बीसीसीआई को उम्मीद है कि बोली वीवो के सालाना 440 करोड़ रुपये के करार से बहुत कम नहीं होगा भले ही यह अधिकार छोटे समय के लिए दिए जाएंगे. कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि टाटा समूह ने आईपीएल टाइटल अधिकारों के लिए ईओआई जमा करा दी है. इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के वरिष्ठ सूत्र ने इससे पहले पीटीआई से कहा था कि अनअकैडमी और ड्रीम11 ने आईपीएल के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने के लिये ईओआई सौंप दिया है. अधिकारी ने कहा था कि ईओआई में बोली लगाने की राशि का जिक्र नहीं होता. यह 18 अगस्त को ईओई एट बीसीसीआई टीवी को भेजा जाएगा. बीसीसीआई ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऊंची बोली लगाने वाले को तब तक टाइटल प्रायोजन अधिकार नहीं मिल सकते जब तक मूल संस्था उसकी योजना से संतुष्ट नहीं हो. योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि और जियो कम्युनिकेशंस भी दौड़ में है लेकिन बीसीसीआई की ओर से अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
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इस बीच माना यह भी जा रहा है कि बीसीसीआई अब चार महीने 13 दिन के लिए इससे कम कीमत 300 से 350 करोड़ के बीच के करार के लिए कंपनी ढूंढ रहा है. ऐसे में उम्मीद है कि अब जो भी कंपनी आएगी, उसे 450 करोड़ की स्पॉन्सरशिप इससे कम दाम में मिल सकती है. बताया जाता है कि अगर बोर्ड 300 करोड़ रुपये तक भी जुटा लेता है तो यह वीवो के जाने से हुए नुकसान का तीन चौथाई हिस्सा होगा. कम दाम में डील का एक कारण कम समय भी है. नया स्पॉन्सरशिप केवल दिसंबर तक के लिए ही होगा. इसका ऐलान बीसीसीआई पहले ही कर चुका है.
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आपको बता दें कि भारत और चीन की सीमा पर सैनिकों के बीच हुई भिंड़त के कारण इस साल वीवो ने टाइटल प्रायोजन अधिकार से हटने का फैसला किया जो सालाना 440 करोड़ रूपये देता था. इसलिए फिलहाल इसी साल के लिए वीवो और आईपीएल अलग अलग हुए हैं, संभावना जताई जा रही है कि अगले साल यानी आईपीएल 2021 में एक बार फिर वीवो आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के रूप में दिखाई देगी.
Source : Sports Desk