IPL : दुनिया की सबसे अमीर फ्रेंचाइजी लीग आईपीएल की शुरुआत 2008 में हुई थी. 8 टीमों के साथ शुरू हुआ ये टूर्नामेंट अब 10 टीमों के साथ खेला जाता है. शुरुआत से ही आईपीएल को फैंस से काफी प्यार मिला है और आज भी भारत में इसे क्रिकेट के महात्यौहार के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है. लेकिन, क्या आपने कभी गौर किया है की आईपीएल धीरे-धीरे कितना बदल गया है... आइए इस आर्टिकल में आपको कुछ नियमों के बारे में बताते हैं, जो अब पहले से काफी बदल चुके हैं...
Time Out : IPL 2008 में आया था, लेकिन तब प्लेयर्स को बीच में स्ट्रैटजी को डिसकस करने के लिए टाइम नहीं मिलता था. लेकिन, अब हर पारी में 2 टाइम आउट मिलते हैं. जिसकी टाइम लिमिट 2.30 मिनट की है. इस दौरान कप्तान और प्लेयर्स आपस में डिसशन करके गेम को आगे बढ़ाते हैं. अक्सर देखा जाता है की टाइम आउट के बाद मैच की कंडीशन बदलने जाती है.
सेमीफाइनल बन गया प्लेऑफ : IPL 2008 से IPL 2010 तक नॉकआउट मुकाबले सेमीफाइनल के रूप में खेले गए. लेकिन IPL 2011 में सेमीफाइनल की जगह प्लेऑफ सिस्टम शुरू किया गया. उससे पहले के 3 साल तक टूर्नामेंट में सेमीफाइनल होते थे. इसमें पॉइंट्स टेबल पर पहले नंबर वाली टीम चौथे स्थान की टीम के खिलाफ और दूसरे नंबर की टीम तीसरे स्थान की टीम के खिलाफ सेमीफाइनल खेलती थी. लेकिन, अब टेबल टॉप करने वाली 2 टीमों के पास फाइनल में पहुंचने का एक अतिरिक्त मौका होता है. पहला क्वालीफायर मैच जीतने वाली टीम सीधे फाइनल में पहुंचती है, वहीं हारने वाली टीम के पास एलिमिनेटर-2 जीतकर फाइनल में पहुंचने का मौका होता है.
इंपैक्ट प्लेयर नियम : IPL 2023 में एक नियम, जिसने सभी को काफी हैरान किया, वो था इंपैक्ट प्लेयर नियम. दरअसल, बीसीसीआई ने IPL में नया नियम लागू किया, जिसमें टीमें 12 प्लेयर्स के साथ खेल सकीं. हालांकि, एक टाइम पर प्लेइंग-XI के साथ तो 11 प्लेयर ही मैदान पर उतरते थे. लेकिन दूसरी पारी में कप्तान चाहे तो एक प्लेयर चेंज कर सकता था. जिसका सभी टीमों के कप्तान ने खूब फायदा उठाया और बैटिंग के वक्त बैटर को और बॉलिंग के वक्त पर बॉलर को बतौर इम्पैक्ट प्लेयर गेम में लेकर आए.
Source : Sports Desk