रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (Royal Challengers Bangalore) के पास मु़ख्य कोच के रूप में गैरी कर्स्टन और गेंदबाजी कोच के रूप में आशीष नेहरा हैं. इसके बावजूद टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में पहले पांच में से एक भी मैच नहीं जीत पाई है. इसी तरह दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की टीम में मुख्य कोच के रूप में रिकी पोंटिंग और सलाहकार के रूप में सौरभ गांगुली हैं. क्रिकेट के दो महान कप्तानों के होने के बावजूद टीम अपनी छाप छोड़ने में असफल रही है. सवाल यह है कि डगआउट में इन दिग्गजों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है और क्या उनकी मौजूदगी वास्तव में टीम को बेहतर बनाने में मदद करती है?
कोलकाता नाइट राइडर्स (Kolkata Night Riders) के पूर्व सहायक कोच विजय दहिया (Vijay Dahia) ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि निश्चित रूप से अनुभवी पूर्व क्रिकेटरों का मार्गदर्शन टीम को मदद करता है. लेकिन अंत में टीम का मार्गदर्शन करने के लिए कप्तान की भूमिका महत्वपूर्ण है.
और पढ़ें: IPL 12: कोलकाता से हार के बावजूद कोहली ने बनाया 'विराट' रिकॉर्ड, इस लिस्ट में बने नं 1
उन्होंने कहा, 'यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि क्या वे खिलाड़ियों को संदेश देने में सक्षम हैं और यदि वह विश्वास के लायक है. यदि आप बेंगलोर और कोलकाता के बीच हुए मैच को देखें तो यह अंतिम 13 गेंदों में किधर भी जा सकता था. अगर कोई असाधारण पारी खेलता है तो आप इसमें कुछ नहीं कर सकते.'
विजय दहिया (Vijay Dahia) ने कहा, 'मैंने लोगों को इस बारे में करते हुए देखा है. यदि कोई गेंदबाज थोड़ा संघर्ष कर रहा है या कोई बल्लेबाज थोड़ा परेशान दिख रहा है तो आप इसे समझ सकते हैं. मुझे याद है कि कई बार हम बाहर से सिग्नल देने के लिए टाइम-आउट लेते थे. लेकिन दुर्भाग्य से जब चीजें आपके लिए सही नहीं होती हैं तो सपोर्ट स्टाफ ही दिखता है.'
यह पूछे जाने पर कि ऐसे समय में कप्तानों के लिए कभी-कभी योजनाओं को अंजाम देना मुश्किल होता है, विजय दहिया (Vijay Dahia) ने कहा, 'अच्छे कप्तान हमेशा खेल में एक या दो ओवर होंगे. लेकिन यह एक तेज-तर्रार खेल है और आप योजना नहीं बना सकते. चीजें एक ओवर में बदल जाती हैं.'
Source : IANS