IPL 2020 Update : आईपीएल 2020 इस बार 19 सितंबर से शुरू होकर दस नवंबर तक चलेगा, यानी अब आईपीएल (IPL 13) को शुरू होने में मात्र 40 दिन का ही समय बचा है. ऐसे में आईपीएल फ्रेंचाइजियों (IPL Teams) और बीसीसीआई (BCCI) की ओर से तैयारी शुरू हो चुकी है, वहीं खिलाड़ी भी अपनी फिटनेस को ठीक करने में जुटे हुए हैं, लेकिन इस बीच सबसे बड़ा सवाल आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप (IPL Tital sponsorShip) को लेकर है. अब जबकि दुनिया की सबसे बड़ी लीग को शुरू होने में पूरे 40 दिन की बचे हुए हैं, अभी तक बीसीसीआई के पास आईपीएल 13 (IPL 13) का कोई स्पॉन्सर नहीं है. अब इन बचे हुए दिनों में बीसीसीआई को बहुत सारे काम निपटाने हैं.
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आईपीएल 13 की तारीखों के ऐलान के बाद ही जहां एक ओर क्रिकेट फैंस खुश हैं, वहीं मंगलवार को बीसीसीआई के लिए मुसीबत खड़ी हो गई. सालाना करीब 440 करोड़ रुपये की स्पॉन्सरशिप देने वाली चीन की मोबाइल कंपनी वीवो इस टूर्नामेंट से हट गई. बताया जाता है कि आईपीएल से टाइटल स्पॉन्सरशिप के हटने का फैसला खुद वीवो की ओर से लिया गया था, न कि बीसीसीआई ने उसे हटाया है. क्योंकि मंगलवार से दो ही दिन पहले रविवार को जब आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई थी, उसके बाद बीसीसीआई के अधिकारियों ने कहा था कि चीनी कंपनी वीवो और आईपीएल का साथ बना रहेगा, क्योंकि इतने कम वक्त में नया स्पॉन्सर तलाशना संभव नहीं होगा. हालांकि इसके तुरंत बाद बीसीसीआई का विरोध शुरू हो गया. यहां तक कि कुछ जगह तो आईपीएल के बॉयकाट तक की बात कही जाने लगी थी, इसके बाद पता चला कि अब वीवो आईपीएल का स्पॉन्सर नहीं रहेगा.
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वीवो आईपीएल के टाइटर स्पॉन्सरशिप के तहत करीब 440 करोड़ रुपये बीसीसीआई को हर साल देता था, लेकिन अब कौन सी कंपनी आएगी और वह कितने पैसे देगी, यह अपने आप में बड़ा सवाल बना हुआ है. संभावना यह भी जताई जा रही है कि वीवो एक साल बाद यानी अगले साल आईपीएल 2021 में एक बार फिर आईपीएल के साथ जुड़ेगी, ऐसे में जो भी नई कंपनी स्पॉन्सरशिप के तहत आईपीएल से जुड़ेगी, उसे केवल एक ही साल का वक्त मिलेगा. ऐसे में सवाल यही है कि क्या कोई कंपनी एक साल के लिए 440 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार होगी या फिर इस बार बीसीसीआई को स्पॉन्सरशिप के तहत कम ही पैसे मिलेंगे. इस बीच आशंका यह भी जताई जा रही है कि आईपीएल के लिए बीसीसीआई को एक साल के लिए ज्यादा से ज्यादा 300 से साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये ही मिल सकते हैं. ऐसे में तय है कि बीसीसीआई को कम से सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. वहीं इस बार भारत में आईपीएल हो नहीं रहा है, इससे भी बीसीसीआई के घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है.
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हालांकि इस बीच आपको बता दें कि स्पॉन्सरशिप के लिए कई बड़ी कंपनियों के आने की संभावना जताई जा रही है. इसमें सबसे बड़ी और प्रबल दावेदार रिलायंस जियो है. लॉकडाउन में टेलीकाम कंपनियों का बिजनेस अच्छा खास बूम कर गया था और इसमें सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस जियो को ही हुआ है. वहीं पिछले करीब दो महीने में जियो में कई बड़ी कंपनियों में निवेश भी हुआ है, जिससे रिलायंस का डेड भी करीब करीब खत्म हो गया है. बाजार के विशेषज्ञ भी इस बात को मानते हैं कि अगर जियो आईपीएल स्पॉन्सरशिप की रेस में कूदता है तो बाकी कोई कंपनी टिक नहीं पाएगी. साथ ही उसके मालिक के बीसीसीआई से भी अच्छे संपर्क हैं. वैसे भी जियो अकेला ऐसा ब्रांड है जो आठों टीमों से जुड़ा है. सभी टीमों की जर्सी पर जियो का लोगो लगा हुआ आपको दिख जाता है. ऐसे में क्या जियो मुख्य प्रायोजक के तौर पर आईपीएल से जुड़ेगी, यह भी बड़ा सवाल है. वैसे भी जियो के मालिक मुकेश अंबानी की अपनी टीम मुंबई इंडियंस भी आईपीएल में खेलती है और मुंबई इंडियंस की आईपीएल को सबसे ज्यादा बार जीतने वाली टीम भी है.
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जियो के अलावा जिन कंपनियों के टाइटल स्पॉन्सरशिप के रूप में जुड़ने की संभावना जताई जा रही है, उसमें बायजूज, माय सर्कल 11 , एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, ड्रीम इलेवन और अनएकेडमी प्रमुख हैं. ये सभी कंपनियां किसी न किस रूप में क्रिकेट से जुड़ी हुई हैं. बायजूज तो हाल ही में टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप के तौर पर ही भारतीय क्रिकेट से जुड़ी है और उसने करीब 1079 रुपये खर्च किए हैं. वहीं नाइके भी प्रबल दावेदार हो सकता है, लेकिन हाल ही में टीम इंडिया की किट से उसका कॉन्ट्रेक्ट खत्म हुआ है, ऐसे में क्या यह कंपनी आईपीएल से जुड़ेगी, यह भी बड़ा सवाल है.
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खास बात यह भी है कि इस बार का आईपीएल भारत में न होकर यूएई में हो रहा है. करीब छह साल बाद आईपीएल देश के बाहर हो रहा है और इन छह साल में आईपीएल की ब्रॉड वेल्यू में भी काफी तेजी से इजाफा हुआ है. जो लोग मैदान में जाकर मैच देखते थे, उन्हें भी इस बार टीवी पर ही आईपीएल के सारे मैच देखने होंगे और जब आईपीएल हो रहा होगा, उस वक्त भारत में फेस्टिवल सीजन भी चलता है, ऐसे में आईपीएल के हिट होने की संभावना तो काफी ज्यादा है. आईपीएल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि यह बड़ा टूर्नामेंट पूरे डेढ़ साल बाद हो रहा है. इसलिए भी फैंस इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अगर बीसीसीआई को इस बार आईपीएल के लिए एक साल के लिए 440 करोड़ रुपये से कम मिलते हैं तो यह पहली बार होगा कि आईपीएल का टाइटल स्पॉसर कम पैसों में बिकेगा. साल 2008 से अब तक हर साल ज्यादा पैसों में ही टाइगर स्पॉसरशिप बिकी है.
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अब आईपीएल की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, अब एक एक दिन काफी खास होने वाला है. आने वाले दिनों में कई बड़े अपडेट आईपीएल के आते हुए दिखाई देने वाले हैं. आपको बता दें कि 20 अगस्त के बाद आईपीएल टीमों का यूएई जाना शुरू हो जाएगा, वहीं पहला मैच 19 सितंबर को आईपीएल 2019 की चैंपियन और रनरअप चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच खेला जाना है. यही दो टीमों आईपीएल की अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीमें हैं, यानी आईपीएल के पहले ही मैच से क्रिकेट का पूरा रोमांच हमें देखने के लिए मिलेगा.
Source : Sports Desk