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IPL 2020 : ड्रीम 11 में भी चीनी निवेश, जानिए BCCI ने क्‍या दिया जवाब

आईपीएल 2020 को ड्रीम 11 के रूप में नया टाइटल स्‍पॉन्‍सर मिल गया है. लेकिन चीन से बीसीसीआई और आईपीएल का नाता यहां भी पूरी तरह से खत्‍म नहीं हो पाया है. इसको लेकर सवाल भी उठ रहे हैं.

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Pankaj Mishra
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dream11 ( Photo Credit : ians)

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Dream 11 IPL 13 : आईपीएल 2020 को ड्रीम 11 के रूप में नया टाइटल स्‍पॉन्‍सर मिल गया है. लेकिन चीन से बीसीसीआई (BCCI) और आईपीएल (IPL) का नाता यहां भी पूरी तरह से खत्‍म नहीं हो पाया है. एक तरफ इसको लेकर सवाल भी उठ रहे हैं, लेकिन बीसीसीआई की ओर से इस पर जवाब भी दिया गया है. फेंटेसी स्‍पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम11 (Fantasy Sports Platform Dream 11) ने चीनी कंपनी वीवो (Vivo) की जगह लगभग साढ़े चार महीने के करार के लिए 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) (IPL 2020) का टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल कर लिया. ड्रीम11 पहले से ही पिछले कुछ वर्षों से आईपीएल से जुड़ा है. आईपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल ने कहा कि ड्रीम11 ने 222 करोड़ रुपये की बोली के साथ अधिकार हासिल किया है. वहीं इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि ड्रीम11 साल 2022 तक आईपीएल का प्रायोजन जारी रखे. इसके लिए उसे 2021 और 2022 के लिए 240 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा. यह तीन साल के लिए प्रति वर्ष औसतन 234 करोड़ रुपये आएगा. पता चला है कि टाटा समूह ने अंतिम बोली नहीं लगाई, जो मंगलवार दोपहर तक आईपीएल की टाइटल स्‍पॉन्‍सर होने के लिए सबसे बड़ी दावेदार बताई जा रही थी. उधर दो शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनियां बायजूस (201 करोड) और अनएकेडमी (170 करोड़) दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. 

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भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध के कारण वीवो और बीसीसीआई ने इस सीजन के लिए प्रति वर्ष 440 करोड़ रुपये के करार को निलंबित कर दिया था. कोविड-19 महामारी के कारण इस बार आईपील को यूएई में 19 सितंबर से खेला जाएगा. इसके साथ ही ड्रीम11 में चीनी कंपनी टेनसेंट के निवेश को लेकर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि यह 10 प्रतिशत से भी कम है. ड्रीम11 एक भारतीय कंपनी है जिसकी स्थापना हर्ष जैन और भावित शेठ ने की है. बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि ड्रीम 11 के स्‍टेक होल्‍डर्स में शामिल इसके संस्थापक और 400 से अधिक कर्मचारी भारतीय हैं. अधिकारी ने बताया कि कलारी कैपिटल और मल्टीपल्स इक्विटी उनके भारतीय निवेशक हैं. यहां तक ​​कि ड्रीम11 का उत्पाद का उपयोग विशेष रूप से सिर्फ भारतीयों द्वारा किया जा सकता है. टेनसेंट की हिस्सेदारी केवल का प्रतिशन एक-अंक में है. पिछले महीने की हालांकि बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) ने कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की थी.

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बड़ी बात यह भी है कि पिछले ही दिनों कहा गया था कि यह प्लेटफार्म एक नकली T20 लीग से जुड़ा हुआ था जिसमें पंजाब के एक कस्बे में आयोजित मैच को श्रीलंका का बताकर सीधा प्रसारण किया गया था. एसीयू की जांच में पता चला है कि टूर्नामेंट में खिलाड़ियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली किट पर ड्रीम11 का लोगो था और इसका प्रसारण फैनकोड पर किया गया था. ड्रीम11 और फैनकोड दोनों ड्रीम स्पोर्ट्स ग्रुप का हिस्सा हैं. यह हालांकि पता नहीं चल पाया है कि बीसीसीआई एसीयू क्या अब भी ड्रीम11 की जांच कर रहा है.

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बीसीसीआई हालांकि थोड़े समय में एक टाइटिल प्रायोजक का प्रबंध करने में सफल रहा लेकिन उसे इससे मिलने वाली रकम वीवो की तुलना में कम है. बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि इस मामले में ऐसी ही उम्मीद थी. जो लोग उम्मीद कर रहे थे कि मौजूदा बोली वीवो के करीब पहुंचेगी वे मौजूदा आर्थिक माहौल से अनजान थे. टाटा समूह ने भले ही इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट दाखिल किया था लेकिन वे बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे. उद्योग के अंदरूनी सूत्र ने बताया कि बीसीसीआई टाटा की मौजूदगी चाहता था, क्योंकि उससे विश्वसनीयता काफी बढ़ती. बीसीसीआई के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि ड्रीम11 के करार से मिलनी वाली आधिकारिक प्रायोजन राशि के अलावा अनएकेडमी और भुगतान ऐप के प्रायोजन पूल में आने से घाटा काफी हद तक कम हो जाएगा. इन दोनों कंपनियों ने बीसीसीआई को प्रायोजन के लिए 40-40 करोड़ रुपये दिए हैं. इसका मतलब यह हुआ कि बोर्ड को कुल 302 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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बीसीसीआई के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार महीने के समय को सोच कर देखिये और आपको लगेगा कि इतने कम समय के लिए यह खराब सौदा नहीं है. एक सवाल यह भी है कि क्या इस दौरान ड्रीम11 विराट कोहली के तस्वीर का इस्तेमाल कर पाएगा. ड्रीम11 को इस दौरान प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ खिलाड़ियो के व्यक्तिगत करार को देखना होगा. ऐसी ही एक कंपनी है मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) जिसके ब्रांड एम्‍बेस्‍डर भारतीय कप्तान विराट कोहली हैं. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नहीं, हमें खिलाड़ियों के छवि अधिकारों के नियमों को देखना होगा. लेकिन अगर बीसीसीआई के करार में कोई हितधारक शामिल है, तो केंद्रीय अनुबंध प्राप्त खिलाड़ियों को इसके समर्थन के लिए उपलब्ध होना होगा. उन्होंने फिर समझाया कि परिधान प्रायोजकों के साथ हमेशा यह मुद्दा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से नाइकी टीम इंडिया की जर्सी की प्रायोजक रही है लेकिन कई ऐखे खिलाड़ी है जो जेवेन का प्रचार कर रहे थे, रोहित शर्मा एडिडास और विराट कोहली पूमा के साथ हैं. मुझे लगता है कि इसमें कोई समस्या नहीं होगी. नाइकी ने जब टीम का नया जर्सी जारी किया था तब सभी टॉप खिलाड़ियों ने उसका समर्थन किया था. वे अपने व्यक्तिगत ब्रांड का भी प्रचार करते हैं.

Source : Bhasha

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