आईपीएल 2020 में बहुत कुछ पहली बार होने जा रहा है. बाकी जो चीजें बदल रही हैं वो खेल को अच्छा बनने के लिए हो रही हैं, वहीं कई बदलाव तो कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण हो रहे हैं, लेकिन एक और बड़ा बदलाव इस बार के आईपीएल यानी आईपीएल 13 (IPL 13) में देखने के लिए मिलेगा. वह यह होगा कि आईपीएल में खिलाड़ियों के नमूने लेने का अधिकार नाडा (NADA) के पास आ गया है. एजेंसी को इस साल पहली बार आईपीएल (IPL 2020) में नमूने एकत्रित करने का काम करेगी.
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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में डोपिंग नियंत्रण का जिम्मा संभाल रही राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होने वाले आईपीएल 13 में खिलाड़ियों के नमूने एकत्रित करने के काम को आउटसोर्स कराना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर यह काम नाडा खुद ही करती है तो इसके लिए उसे काफी खर्चा करना पड़ सकता है. नाडा के लिए अगला बेहतरीन विकल्प होगा कि वह यूएई की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संस्था (एनएडीओ) की सेवाएं ले या फिर स्वीडन के अंतरराष्ट्रीय डोप परीक्षण एवं प्रबंधन (आईडीटीएम) से संपर्क करे, जिसने आईपीएल के पिछले 12 सत्र के लिए नमूने एकत्रित करने और परीक्षण का काम किया है. बीसीसीआई 2019 की तीसरी तिमाही से नाडा के तहत आया था, जिससे एजेंसी को इस साल पहली बार आईपीएल में नमूने एकत्रित करने का काम करना होगा, जो 19 सितंबर से आठ नवंबर तक खेला जाएगा. कोविड-19 महामारी के कारण बीसीसीआई को टूर्नामेंट को यूएई में कराने के लिए बाध्य होना पड़ा है. हालांकि उसे अभी तक गृह मंत्रालय से अंतिम मंजूरी नहीं मिली है.
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बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई-भाषा से कहा, उम्मीद है कि अगले हफ्ते अनुमोदित कार्यक्रम आ जाएगा और जब हम इसे नाडा को भेज देंगे तो वे इस पर फैसला कर सकते हैं. यह पूरी तरह से उनका फैसला होगा क्योंकि उन्हें ही नमूने एकत्रित करने और इसके लाने-ले जाने का खर्चा उठाना होगा. जब नाडा महानिदेशक नवीन अग्रवाल से इस मुद्दे पर संपर्क किया गया तो उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया और कहा, जब हम इस पर फैसला कर लेंगे तो आपको बता देंगे. वर्ष 2019 आईपीएल तक बीसीसीआई ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी से मान्यता प्राप्त आईडीटीएम के साथ नमूने एकत्रित करने और परीक्षण का खर्चा उठाया था.
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आपको बता दें कि दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्डों में से एक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI देश के अन्य खेल संघों की तरह ही नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के दायरे में पिछले साल अगस्त में ही आ गया था. सालों तक ना-नुकुर करने के बाद आखिरकार भारतीय क्रिकेट बोर्ड राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी नाडा (NADA)) के दायरे में आने का फैसला कर लिया है. इससे पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सुझाव दिया था कि वह केवल NADA के परीक्षण आधार का ही पालन करेगा जिसे अब रद कर दिया गया था. इससे पहले बीसीसीआई (BCCI) नाडा (NADA) के दायरे में आने से इंकार करता आया था. उसका दावा रहा है कि वह स्वायत्त ईकाई है, कोई राष्ट्रीय खेल महासंघ नहीं और सरकार से फंडिंग नहीं लेता.
(इनपुट भाषा)
Source : Sports Desk