आईपीएल 2020 में मंगलवार को चेन्नई सुपर किंग्स ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ तीन स्पिनर उतारे. इनमें से दो ने तीन अहम विकेट ले चेन्नई सुपरकिंग्स की जीत में अहम योगदान दिया. चेन्नई सुपरकिंग्स की प्लेइंग इलेवन में तीन स्पिनर रवींद्र जडेजा, पीयूष चावला और कर्ण शर्मा को शामिल किया जाना यह संकेत है कि स्पिनर और धीमी गति के गेंदबाज आगे जाकर टूर्नामेंट में अहम रोल निभाने वाले हैं. मैच के बाद सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजी कोच मुथैया मुरलीधरन ने कहा था कि स्पिनर आगे जाकर अहम रोल निभाएंगे. विकेट टूट गई हैं. तीन पिचें हैं, इसलिए वो टूटेंगी.
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चेन्नई सुपरकिंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद का मैच लीग के दूसरे हाफ का पहला मैच था. अभी तक पहले हाफ में तेज गेंदबाजों का बोलबाला देखा गया था. सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों गेंदबाजों की सूची में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के युजवेंद्र चहल इकलौते स्पिनर हैं. लेकिन चीजें बदल सकती हैं, क्योंकि राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ बुधवार रात हुए मैच में दिल्ली कैपिटल्स के तेज गेंदबाज एनरिक नॉर्टजे ने दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम की पिच पर आईपीएल इतिहास की तीन सबसे तेज गेंदें फेंकी थीं.
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तीन मैदान होने के चलते पिचों को टूटना आम बात है और ऐसे में दूसरी पिचों को रोटेट करना एक अहम चीज साबित हो सकता है. भारत के कुछ पिच क्यूरेटरों ने कहा कि पिचें स्पिनरों की मददगार होंगी और इसका कारण सीमित मैदान और मौसम ही नहीं है, लेकिन इसलिए भी क्योंकि मैच सही तरह से प्लान नहीं किए गए. शुरुआत में लगा था कि बीसीसीआई ने टूर्नामेंट अच्छे से प्लान किया है. उन्होंने शारजाह में सिर्फ 10 मैच रखे हैं. इस मैदान पर सिर्फ तीन पिच हैं. इसलिए उन पर ज्यादा दबाव नहीं होगा. अबू धाबी और दुबई में ज्यादा मैच खेले जाने हैं और यहां रोटेशन के लिए ज्यादा पिचें हैं. एक क्यूरेटर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मैंने जो सुना है वो हो नहीं रहा है. वहां सीमित पिचें ही हैं- एक जगह तीन ज्यादा से ज्यादा, जिनका उपयोग किया जाता है. दुबई में 24 मैच होने हैं जबकि 20 मैच अबू धाबी में होने हैं.
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उन्होंने कहा कि अच्छा यही था कि उन्हें एक ही मैदान पर लगातार मैच नहीं रखने चाहिए थे. पिचें रोटेट की जाएं या नहीं लेकिन एक ही मैदान पर लगातार मैच होते आ रहे हैं. उदाहरण के तौर पर बुधवार को दुबई में राजस्थान और दिल्ली का मैच खेला गया. इसी मैदान पर मंगलवार को ही चेन्नई और हैदराबाद का मैच खेला गया था. इस तरह के कुछ और उदाहरण हैं. यह समस्या इसलिए हो रही है क्योंकि कोविड-19 के कारण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आईपीएल खेला जा रहा है और जहां मैदान कम हैं. अगर यह लीग भारत में ही होती तो आठ मैदानों पर मैच खेले जाते.
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जब रोटेशन के बारे में पूछा गया तो बीसीसीआई की पिचों और मैदान समिति के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि चीजें तब मुश्किल हो जाती हैं जब सीमित मैदान हों. दलजीत ने कहा कि मुझे लगता है कि इस साल आईपीएल हो इसके लिए बीसीसीआई ने अच्छा काम किया है. उन्होंने यह बात सुनिश्चित की है कि क्रिकेटरों का जीवनयापन चलता रहे और बाकी लोग भी प्रभावित नहीं हों. ऐसी स्थिति में हालांकि यह अच्छा होता कि वह भारतीय क्यूरेटर भी साथ में ले जाते जिन्हें इतने बड़े टूर्नामेंट्स आयोजित करने का अनुभव हो.
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उन्होंने कहा कि इसमें तकनीक और विज्ञान शामिल है जिसे वो समझते हैं. यह हैरानी वाली बात है कि बीसीसीआई ने बाकी विभागों के अधिकारी तो यूएई भेजे लेकिन एक भी क्यूरेटर नहीं ले गई. पिछली बार 2014 में जब यूएई में आईपीएल हुआ था तो पीआर. विश्वनाथन क्यूरेटर वहां गए थे. उस समय वहां सिर्फ 20 मैच खेले गए थे. राजस्थान के कप्तान स्टीव स्मिथ ने बुधवार को पिच देखते ही कह दिया था कि यह सूखी है. पिचें टूटती हैं या नहीं या स्पिनरों की अहमियत बढ़ती है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.
Source : IANS