आईपीएल 2020 (IPL in UAE) की तैयारियां जोरों पर है, लेकिन इस बीच बीसीसीआई (BCCI) के लिए सबसे मुश्किल आईपीएल (IPL 13) की स्पॉन्सरशिप नजर आ रही है क्योंकि कई सारी कंपनियां अब इसकी पेशकश कर रही है. हालांकि 18 अगस्त को लगभग साफ हो जाएगी कि भारत की किस बड़ी कंपनी को इस साल आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप मिलती है. नए स्पॉन्सरशिप के लिए कितने रुपयों का टेंडर मिलेगा ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है लेकिन कुछ दिनों बाद इसपर पूरी जानकारी सामने आ जाएगी. आईपीएल का पहला मैच 19 सितंबर को होने वाला है जबकि इसका फाइनल मैच 10 नवंबर को होगा. ओपनिंग मैच में चेन्नई और मुंबई के बीच होने वाला है.
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टाटा समूह ने इस साल इंडियन प्रीमियर लीग का टाइटल प्रायोजक बनने के लिये ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ जमा कर दिया है जबकि शिक्षा प्रौद्यौगिकी कंपनी ‘अनअकैडमी’ और फंतासी स्पोर्ट्स मंच ‘ड्रीम11’ भी इस साल चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो की जगह लेने के लिये इस दौड़ में शामिल हैं .भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख शुक्रवार 14 अगस्त तक ही थी. टाटा समूह के आने से अब टाइटल प्रायोजन अधिकार की होड़ रोचक हो गई है. बीसीसीआई को उम्मीद है कि बोली वीवो के सालाना 440 करोड़ रूपये के करार से बहुत कम नहीं होगा भले ही यह अधिकार संक्षिप्त अवधि के लिये दिये जायेंगे.
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बताया जा रहा है कि टाटा समूह ने आईपीएल टाइटल अधिकारों के लिए ईओआई जमा करा दी है. इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई एक बड़ अधिकारी ने बताया कि अनअकैडमी और ड्रीम 11 ने आईपीएल के टाइटल प्रायोजन अधिकार हासिल करने के लिये ईओआई सौंप दिया है. अधिकारी ने ईओआई में बोली लगाने की राशि का जिक्र नहीं होता है. अब 18 अगस्त को ईओई बीसीसीआई टीवी को भेजा जायेगा. बता दें कि जब स्पॉन्सशिप की बात चली रही थी तब इस बीच बड़ी कंपनियों के अलावा योग गुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि का भी नाम आईपीएल 2020 की स्पॉन्सरशिप के लिए सामने आ रहा था.
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भारत और चीन की सीमा पर सैनिकों के बीच हुई भिंड़त के कारण इस साल वीवो ने टाइटल प्रायोजन अधिकार से हटने का फैसला किया जो सालाना 440 करोड़ रूपये देता था. इसके कुछ वक्त बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने साफ किया था कि वीवो के हटने के लिए बोर्ड को कोई फर्क नहीं पड़ता है और इससे निपटने के लिए बोर्ड सक्षम है.
(इनपुट एजेंसी)
Source : Sports Desk