IPL 2022 Mega Auction: आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शऩ से पहले श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या और कुछ खिलाड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. इस मुश्किल या असमंजस का कारण है अहमदाबाद की टीम. इस असमंजस को समझने के लिए अहमदाबाद की टीम की स्थिति को समझना होगा. इस समय अहमदाबाद की टीम का मामला अधर में फंसा हुआ है. अहमदाबाद की टीम का टेंडर सीवीसी कैपिटल्स को मिला था लेकिन अभी तक इस कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट नहीं मिला है. लेटर ऑफ इंटेंट के कारण ही आईपीएल के आगे की सारी गतिविधि रूकी हुई हैं. हालत ये है कि लखनऊ और अहमदाबाद की टीमों को तीन-तीन खिलाड़ियों से कॉंट्रैक्ट करने के लिए 1 से 25 दिसंबर का समय दिया गया था. साथ ही क्रिकेट एक्सपर्ट यह उम्मीद जता रहे थे कि जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते
में मेगा ऑक्शन हो सकते हैं. अब लेटर ऑफ इंटेंट पेडिंग होने के कारण लखनऊ और अहमदाबाद के लिए यह तारीख 30 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है. उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि यह तारीख शायद आगे भी बढ़ जाए. यही नहीं, मेगा ऑक्शन की तारीख अब जनवरी के अंतिम हफ्ते में होने का संभावना जताई जा रही है.
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स्थिति ये है कि बीसीसीआई ने लखनऊ और अहमदाबाद की टीमों को ये छूट दे रखी है कि वह किसी भी खिलाड़ी के साथ कॉंट्रैक्ट करने के लिए बातचीत कर सकती हैं लेकिन जब तक अहमदाबाद को लेटर ऑफ इंटेट नहीं मिल जाता तब तक न तो लिखित एग्रीमेंट कर सकती हैं, ना ही औपचारिक ऐलान कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि अहमदाबाद की टीम तमाम खिलाड़ियों से बात करने में लगी हुई है. दावा ये भी किया जा रहा है कि अहमदाबाद की टीम ने श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या, डेविड वार्नर, क्विंटन डी कॉक, कुणाल पांड्या से बातचीत लगभग फाइनल कर ली है. इन्हीं में से तीन खिलाड़ियों से करार किया जाएगा. इसमें भी श्रेयस अय्यर और हार्दिक पांड्या के नाम प्रमुख हैं. श्रेयस अय्यर को कप्तानी भी सौंपने का दावा किया जा रहा है. अब इन खिलाड़ियों को समस्या ये होगी कि अगर अहमदाबाद की टीम को लेटर ऑफ इंटेंट नहीं मिला तो उनकी प्लानिंग भी खराब हो जाएगी. टीम से बातचीत करने में जो समय और मेहनत लगी वह भी बरबाद होगी.
अब आपको बता दें कि लेटर ऑफ इंटेंट एक परमीशन लेटर होता है, जिसके बाद ही टीम को आईपीएल में भाग लेने की औपचारिक अनुमति मिलती है. इसके बिना कोई भी टीम आईपीएल में भाग नहीं ले सकती. इस बार आईपीएल में यानी आईपीएल 2022 में दो नई टीमें लखनऊ और अहमदाबाद शामिल की गई हैं. इसमें लखनऊ की टीम आरपीएसजी ग्रुप ने खरीदी है, जिसे लेटर ऑफ इंटेंट मिल गया है लेकिन अहमदाबाद की टीम सीवीसी कैपिटल्स ने खरीदी है, जिसे लेटर ऑफ इंटेंट नहीं मिला है. दरअसल, यह आरोप है कि सीवीसी कैपिटल्स का इंवेस्टमेंट एक विदेशी कंपनी में है, जो बिडिंग कंपनी है मतलब की सट्टेबाजी से जुड़ी कंपनी है. भारत में सट्टेबाजी बैन है. ऐसे में बीसीसीआई ने सीवीसी कैपिटल्स को लेटर ऑफ इंटेट नहीं दिया है. सीवीसी कैपिटल्स के बिडिंग कंपनी से संबंधों की जांच करने के लिए आईपीएल जीसी का गठन किया गया था और अब यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज को सौंप दिया गया है.