आईपीएल (IPL) में एक समय लखनऊ की टीम को कोई फ्रेंचाइजी खरीदने को तैयार नहीं होती थी लेकिन अब लखनऊ की टीम 7 हजार करोड़ रुपये में बिकी है. कमाल की बात दौड़ में कई शहरों की टीम थी लेकिन लखनऊ और अहमदाबाद की सबसे ज्यादा बोली लगी. उसमें भी कमाल की बात ये है कि अहमदाबाद, जहां दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है, जिसमें करीब 1 लाख से ज्यादा दर्शक एकसाथ बैठ सकते हैं, वहां की टीम 5.6 हजार करोड़ रुपये में बिकी जबकि लखनऊ, जहां के स्टेडियम में सिर्फ 70 हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं, वहां 7 हजार करोड़ से ज्यादा में टीम बिकी. सभी क्रिकेट प्रेमी, इसकी वजह तलाशने में लगे हैं.
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इसकी वजह टटोलने से पहले हम आपको बता दें कि साल 2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई थी तब मुंबई इंडियंस की टीम सबसे महंगी थी. उसे मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडिया लिमिटेड ने 111.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी उस समय के हिसाब से 504 करोड़ रुपये में खरीदा था. तब सबसे सस्ती टीम राजस्थान रॉयल्स थी. वह 67 मिलियन डॉलर यानी उस समय के हिसाब से 302 करोड़ रुपये में बिकी थी. अब करीब 13 साल बाद आईपीएल की दो नई टीमों की कीमत इस तरह बढ़ गई कि दो टीमें ही मिलकर 12 हजार करोड़ से ज्यादा में बिकीं. कमाल की बात, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के सचिव राजीव शुक्ला ने भी एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि एक समय उत्तर प्रदेश के लिए फ्रेंचाइजी मिलना मुश्किल होता था लेकिन अब यहां के लिए सबसे बड़ी बोली लगी.
अब सवाल उठता है कि आखिर लखनऊ के लिए इतनी बड़ी बोली क्यों लगी.
दरअसल, सबसे बड़ी बोली लगाने वाले आरपी-एसजी ग्रुप ने लखनऊ और अहमदाबाद, दोनों ही टीमों के लिए 7090 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. दोनों ही टीमों के लिए यह सबसे बड़ी बोली थी लेकिन नियमानुसार उन्हें एक टीम चुननी थी तो उन्होंने अहमदाबाद की बजाय लखनऊ की टीम चुनी. वहीं, अहमदाबाद की टीम छोड़ने पर अहमदाबाद के लिए दूसरी सबसे बड़ी बोली सीवीसी कैपिटल ने 5600 करोड़ की लगाई थी. उन्हें टीम दे दी गई.
लखनऊ इतना महत्वपूर्ण क्यों इसका जवाब लखनऊ की टीम खरीदने वाले आरपी-एसजी ग्रुप के मालिक संजीव गोयंका ने एक इंटरव्यू में दिया. उन्होंने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि आईपीएल इतना लोकप्रिय हो चुका है कि उन्होंने जितना इंवेस्टमेंट किया है, उससे कहीं ज्यादा कमाई की उम्मीद है. खासतौर से उत्तर प्रदेश की जनसंख्या 21 करोड़ से ज्यादा है. यहां पर दो स्टेडियम लखनऊ और कानपुर हैं. मैच के दौरान हमेशा स्टेडियम फुल रहते हैं. उम्मीद है कि आईपीएल के जो 70 से भी अधिक मैच होंगे उनमें कई मैच लखनऊ और कानपुर के स्टेडियम को मिलेंगे. इसके अलावा आरपी-एसजी ग्रुप के कारोबार का बड़ा हिस्सा यूपी में है. रियल स्टेट कारोबार और रिटेल स्टोर का बड़ा हिस्सा यूपी में है. ऐसे में यूपी की टीम खरीदने से उन्हें व्यापार में भी काफी मुनाफा हो सकता है.
HIGHLIGHTS
- संजीव गोयनका की आरपीएसजी ग्रुप ने खरीदी लखनऊ की टीम
- आईपीएल के इतिहास में लगाई अब तक की सबसे बड़ी बोली
- इससे पहले साल 2008 में मुंबई की टीम 502 करोड़ में बिकी