IPL फ्रेंचाइजियों के नखरों ने बढ़ाया BCCI का सिरदर्द, कोरोना वायरस के बावजूद रख दीं ऐसी डिमांड्स

एक फ्रेंचाइजी की मांग है कि कैरेबियन प्रीमियर लीग में हिस्सा लेकर लौटने वाले खिलाड़ियों को क्वारंटीन के नियमों में छूट दी जाए.

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Sunil Chaurasia
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ab devilliers

सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : circle of cricket)

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चीनी मोबाइल फोन कंपनी वीवो ने आईपीएल के 13वें सीजन की स्पॉन्सरशिप छोड़ दी है. जिसके बाद बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजियों के सामने विकट आर्थिक समस्याएं खड़ी हो गई हैं. देश में कोरोना वायरस के लाखों मामलों को देखते हुए आईपीएल का 13वां सीजन यूएई में खेला जाना है. टूर्नामेंट का पहला मैच 19 सितंबर को खेला जाएगा जबकि फाइनल मुकाबला 10 नवंबर को होगा. आईपीएल शुरू होने में अब सिर्फ कुछ दिनों का समय बचा है. इसके बावजूद बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजियों के बीच कई मुद्दों को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है.

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बीसीसीआई और आईपीएल फ्रेंचाइजियों के बीच अभी भी कई शंकाएं हैं जो अभी तक दूर नहीं हो पाई हैं. आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सरशिप से वीवो के हटने के बाद दोनों के बीच काफी तनातनी है. स्पॉन्सरशिप छूटने के बाद फ्रेंचाइजियों को भारी नुकसान होने की आशंका है. जिसे देखते हुए फ्रेंचाइजियों की दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं. बुधवार को आईपीएल में हिस्सा लेने वाली सभी फ्रेंचाइजियों की बैठक हुई. फ्रेंचाइजियों का साफ कहना है कि वे इतना नुकसान नहीं उठा सकते हैं. एक फ्रेंचाइजी ने कहा कि बीसीसीआई उन्हें होने वाले नुकसान की भरपाई करे. तो वहीं एक फ्रेंचाइजी की मांग है कि कैरेबियन प्रीमियर लीग में हिस्सा लेकर लौटने वाले खिलाड़ियों को क्वारंटीन के नियमों में छूट दी जाए.

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कैरेबियन प्रीमियर लीग यानि सीपीएल 2020, 10 सितंबर को खत्म हो रहा है. जिसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाड़ी आईपीएल में शामिल होने के लिए यूएई आ जाएंगे. वहीं एक फ्रेंचाइजी चाहती है कि क्वारंटीन के नियमों में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को भी छूट मिले, जो सफेद बॉल की सीरीज खेलने के बाद आईपीएल में शामिल होगी. आईपीएल की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही हैं, वैसे-वैसे फ्रेंचाइजियों के नखरे भी बढ़ते जा रहे हैं, जो अब बीसीसीआई के लिए एक बड़ा सिरदर्द भी बन गई हैं. हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि फ्रेंचाइजियों की कौन-सी डिमांड पूरी होगी.

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कोरोनावायरस की वजह से यूएई में होने वाला आईपीएल का 13वां सीजन कड़े नियम-कानून के बीच खेला जाएगा. आईपीएल में शामिल होने वाले सभी खिलाड़ियों से लेकर सपोर्ट स्टाफ और फ्रेंचाइजी मालिकों को भी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा. महामारी के खतरे को देखते हुए किसी को भी नियम-कानून तोड़ने की इजाजत नहीं होगी और यदि इसके बावजूद ऐसा कुछ करता है तो उसे इसका अंजाम भी भुगतना पड़ सकता है. इसी बीच आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने बीसीसीआई के सामने जो डिमांड रखी हैं, वे फिलहाल एसओपी से बाहर हैं.

आईपीएल सीजन 13 के लिए बनाई गई एसओपी बीसीसीआई और यूएई ने मिलकर तैयार की है. ये एसओपी, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज के लिए बनाई गई एसओपी के आधार पर ही तैयार हुई है. ऐसे में बीसीसीआई अकेले फ्रेंचाइजियों की सभी डिमांड पूरी नहीं कर सकता है. यूएई जब तक इन सभी डिमांड्स को लेकर राजी नहीं हो जाता, तब तक ऐसा संभव नहीं है.

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एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों में आखिरी और अंतिम फैसला बीसीसीआई का ही सर्वमान्य होता है. बीसीसीआई आखिर में जो फैसला लेगा, सभी फ्रेंचाइजियों को उसे मानना ही होगा. इसके अलावा बीसीसीआई और आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल के बीच भी अभी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कुल मिला-जुलाकर आईपीएल जैसे-जैसे नजदीक आएगा, वैसे-वैसे ये सभी शंकाएं भी दूर होती जाएंगी. क्योंकि बाद में न तो बोर्ड के पास कुछ बदलाव करने के लिए ज्यादा समय बचेगा और न ही फ्रेंचाइजी उस वक्त ज्यादा कुछ कर पाएंगी.

Source : News Nation Bureau

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