IPL impact on India Cricket: साल 2008. ये वो साल है जब भारतीय क्रिकेट में एक नई क्रांति आई. उस क्रांति का नाम है आईपीएल. सब यही सोच रहे थे कि क्या ये लीग इतनी बड़ी सुपरहिट साबित हो पाएगी जो बीसीसीआई उम्मीद कर रहा है? क्या ये लीग भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा पाएगी, जिसके लिए इसे लाया जा रहा है. लेकिन पहले ही सीजन के बाद सभी सवालों के जवाब मिल गए. जवाब मिल गए कि भारत ने एक ऐसा कदम उठा लिया है जिसके पीछे पूरी दुनिया भागेगी. पहले ही सीजन आईपीएल ने दिखा दिया कि कहने को ये एक लीग है लेकिन आने वाले समय में ये किसी देश के क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से भी बड़ी बन जाएगी और हुआ भी आज वही.
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आईपीएल ने किस तरह भारतीय क्रिकेट की मदद की
बात करते हैं कि आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट को किस तरीके से फायदा पहुंचाया है. आज टीम के पास एक से एक शानदार ऑलराउंडर हैं, तेज गेंदबाज हैं, स्पिनर हैं, वो कहीं ना कहीं आईपीएल की देन है. आज हम कप्तान हार्दिक पांड्या को भारतीय टीम का सबसे धाकड़ ऑलराउंडर बता रहे हैं, आज हम रविंद्र जडेजा को टीम इंडिया का वह गेंदबाज बता रहे हैं जो किसी भी ओवर में बल्ले और गेंद से मैच पलट सकता है, आज हम बूम-बूम बूमराह को 1-1 मैच में याद करते हैं, ये सभी खिलाड़ी आईपीएल की ही तो देन हैं. अगर ये ना होते तो भारतीय क्रिकेट टीम आज श्रीलंका, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज जैसा बन के रह सकता था.
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युवाओं के पूरे किए सपने
जैसा आप जानते हैं कि भारत में हर एक बच्चा क्रिकेटर बनना चाहता है. लेकिन ऐसा तो संभव नहीं है कि हर एक के सपने पूरे हो सकें. क्योंकि टीम में जगह लिमिटेड है. कंपटीशन बहुत टाइट है तो हर एक खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए खेल पाए ऐसा नहीं हो सकता. आईपीएल ने उन सभी प्रतिभाओं को वह मंच दिया जिससे वह अपने आपको पूरे विश्व के सामने साबित कर सके. आईपीएल ने वो करके दिखाया है जो शायद ही बीसीसीआई कभी कर पाता. हालांकि कुछ कमियां हैं, जिन्हें बीसीसीआई दूर कर सकती है. लेकिन कमियों से ज्यादा आईपीएल के पास क्वालिटी मौजूद है. जो टीम के सपने पूरे कर सकती है.