MS Dhoni in IPL : कहते हैं जब आपके दिन खराब चल रहे होते हैं तो सभी कुछ आपके विपरीत होने लगता है. आप चाहते तो हैं कि अच्छा करें पर लाख कोशिश के बाद भी मन के अनुसार रिजल्ट नहीं आता है. ऐसा ही हुआ साल 2017 के आईपीएल में चेन्नई के कप्तान धोनी के साथ. ये कहानी एक साल पहले शुरु होती है. आईपीएल का सीजन 2016 था. चेन्नई और राजस्थान की टीम पर 2 साल के लिए बैन लगा हुआ था. ऐसे में बीसीसीआई 2 नई टीमों की एंट्री उस सीजन में कराती है. एक टीम थी पुणे की और दूसरी थी गुजरात की. पुणे के कप्तान बनाए जाते हैं धोनी. वहीं गुजरात की कमान मिलती है सुरेश रैना को.
साल 2016 धोनी के लिए नहीं रहा अच्छा
पुणे की टीम को उम्मींद थी कि धोनी अपने करिश्मा से पहले ही सीजन पुणे को आईपीएल का सरताज बना देंगे. पर ऐसा नहीं हो पाता है. साल 2016 में पुणे की टीम सबसे निचने पायदान पर फिनिश करती है. मीडिया के साथ सभी फैंस हैरान थे कि जिस टीम के कप्तान धोनी हों उसका ऐसा हाल कैसे हो सकता है. हालांकि इसके बाद धोनी कई बार प्रैस वार्ता में ये कहते हुए नजर आए कि चेन्नई की टीम को बहुत याद कर रहे हैं. पुणे को अपना 100 फीसदी नहीं दे पा रहे हैं.
आईपीएल 2017 में पुणे की टीम ने दिया धोखा
फिर जब अगला सीजन यानी आईपीएल 2017 की बारी आई तो अचानक से पुणे के मालिकों ने धोनी को कप्तानी के पद से हटा दिया. और जिम्मेदारी स्टिव स्मिथ को दे दी. इस बात पर धोनी ने बिल्कुल चुप्पी साधे रखी. लेकिन फैंस कहां शांत रहने वाले थे. सोशल मीडिया पर पुणे टीम के खिलाफ खूब नाराजगी जाहिर की गई.
साल 2018 आईपीएल में किया कमाल का कमबैक
खैर, ये आईपीएल के इतिहास में पहला मौका था जब धोनी किसी दूसरे कप्तान के अंडर में खेल रहे थे. अभी तक धोनी साल 2008 से चेन्नई के कप्तान ही रहे थे. लेकिन धोनी ने स्मिथ की कप्तानी में भी अपना 100 फीसदी देने की कोशिश की. और जब साल 2018 आया. चेन्नई के ऊपर से बैन हटा तो धोनी अपने जोश के साथ मैदान पर उतरे. आते ही उस सीजन चेन्नई को फिर से आईपीएल की ट्रॉफी दिला दी.