IPL 2025: दुनिया की सबसे अमीर फ्रेंचाइजी लीग आईपीएल की नीलामी में फ्रेंचाइजियां दिल खोलकर पैसे लुटाती हैं. ज्यादातर खिलाड़ी करोड़ों में बिकते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि जब बोली लगती है उसके बाद खिलाड़ियों को पैसे कब मिलते हैं? क्या प्लेयर्स को भी सरकार को टैक्स देना पड़ता है? तो आइए आपको आज इन सभी चीजों के बारे में विस्तार से बताते हैं और आपके सारे डाउट क्लीयर करते हैं.
इस स्ट्रक्चर से मिलती है IPL में सैलरी
IPL 2025 मेगा ऑक्शन के दौरान जब खिलाड़ियों पर बोली लगेगी, तब ये डिसाइड हो जाएगा कि किस खिलाड़ी को आगामी सीजन के लिए कितनी रकम मिलने वाली है. लेकिन, आपको बता दें कि खिलाड़ियों को एक साथ पूरी रकम नहीं दी जाती है. जी हां, एक साथ ये पैसे ना देकर इसे 3 किस्तों में दिया जाता है. इसका स्ट्रक्चर कुछ इस तरह है:-
पहले मैच के 10 दिनों के अंदर 10% फीस दे दी जाती है.
सीजन के दौरान 60% फीस दी जाती है.
सीजन के अंत के खत्म होने के साथ ही 20% फीस दे दी जाती है.
ये भी पढ़ें: IPL 2025: गोल्ड से बनी है चमचमाती हुई आईपीएल ट्रॉफी, जानें कितनी होती है इसकी कीमत?
10% सैलरी जाती है बोर्ड के पास
इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL में भारतीय ही नहीं बल्कि दुनियाभर के विदेशी खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं. आपको शायद ही मालूम हो कि नीलामी में या फिर रिटेंशन में प्लेयर को जितनी सैलरी मिलती है उसका 10% उनके बोर्ड को मिलता है. यानी जिस देश के खिलाड़ी को जितनी बड़ी रकम मिलेगी, उतना ही उसके बोर्ड को भी फायदा होगा.
टैक्स कितना प्रतिशत भरना पड़ता है?
IPL में खिलाड़ियों पर जितनी बोली लगती है, असल में उतने पैसे उनके हाथ में नहीं आते. जी हां, खबरों की मानें, तो खिलाड़ी को खरीदने वाली फ्रैंचाइजी प्लेयर को पैसे रिलीज करने से पहले टीडीएस (टैक्स डीडक्टेड एट सोर्स) काटती हैं. भारतीय खिलाड़ियों की सैलरी से 10% TDS कटता है और जबकि विदेशी खिलाड़ियों के लिए 20% होती है.
ये भी पढ़ें: IPL 2025: मेगा ऑक्शन में ऑस्ट्रेलिया के 3 स्टार क्रिकेटर्स को खरीददार मिलना मुश्किल, होने वाले हैं अनसोल्ड!
ये भी पढ़ें: IPL 2025: पंजाब किंग्स में ही जाएंगे ऋषभ पंत और संभालेंगे कप्तानी, ये हैं 2 सबसे बड़े कारण!