किंग्स इलेवन पंजाब (Kings XI Punjab) के क्षेत्ररक्षण कोच जोंटी रोड्स (Jonty Rhodes) का मानना है कि लंबे समय से क्रिकेट से दूर रहे खिलाड़ियों को मैच परिस्थितियों के अनुरूप ढलने के लिये इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) से पहले अभ्यास मैचों की जरूरत है. दो साल बाद आईपीएल में लौट रहे रोड्स ने यह भी कहा कि उनके जैसे कोचिंग स्टाफ पर खिलाड़ियों को भावनात्मक सहयोग देने की भी जिम्मेदारी है क्योंकि कोरोना वायरस स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण अधिकांश अपने परिवार और दोस्तों से दूर रहेंगे.
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यूएई में 19 सितंबर से शुरू हो रही लीग के लिये जैविक सुरक्षित मानक संचालन प्रक्रिया कड़ाई से लागू की जायेगी. अधिकांश खिलाड़ियों ने अपने परिवार को साथ नहीं ले जाने का फैसला किया है. नौ सत्र तक मुंबई इंडियंस टीम के साथ रहे रोड्स ने कहा, ‘‘कौशल की बात करें तो सभी खिलाड़ी लय में लौट आये हैं और नेट्स पर अपना स्वाभाविक खेल दिखा रहे हैं जो रोचक है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान वे अधिक अभ्यास नहीं कर सके.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हम कोशिश कर रहे हैं कि मैच परिस्थितियों में ढलने के लिये एक या दो अभ्यास मैच कराये जा सकें. भारत में क्रिकेट बहुत खास है. मैने आईपीएल के दौरान देखा है. होटल के कमरों में परिवार और दोस्तों के साथ रात को डिनर लेना वगैरह. लेकिन ये पेशेवर क्रिकेटर हैं और सबसे कठिन ‘बायो बबल’ नहीं बल्कि खेलने का मौका नहीं मिलना है. खिलाड़ी बायो बबल में रहने के लिये तैयार होकर आये हैं. टूर्नामेंट में प्रदर्शन में उतार चढाव आता रहता है और कोचों की जिम्मेदारी है कि खिलाड़ियों को भावनात्मक सहयोग दें क्योंकि परिवार साथ नहीं है.’’
Source : Bhasha