Slow Over Rate Rule : इंडियन प्रीमियर लीग 2024 बहुत ही रोमांचक अंदाज में आगे बढ़ रहा है. इस सीजन कई कप्तानों पर स्लो ओवर रेट के कारण जुर्माना लगाया गया है. इसलिए आपने आईपीएल के दौरान कई बार स्लो ओवर रेट नियम के बारे में सुना होगा. आईपीएल ही क्यों, इंटरनेशनल क्रिकेट में भी ये नियम लागू होता है. तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर स्लो ओवर रेट नियम क्या है? इसके कारण कप्तान को क्या नुकसान होते हैं...
क्या है Slow Over Rate Rule?
एक टीम को स्लो ओवर रेट का दोषी पाया जाता है, जब वह 90 मिनटों में पूरे 20 ओवर गेंदबाजी नहीं करवा पाता. जी हां, आईपीएल में 90 मिनट में 20 ओवर फेंकने होते हैं. इसमें ढ़ाई-ढ़ाई मिनट के 2 स्ट्रेटेजिक टाइम आउट भी शामिल होते हैं. यदि कोई टीम 90 मिनट में 20 ओवर पूरे नहीं कर पाती, तो उसे स्लो ओवर रेट का दोषी पाया जाता है. आपको बता दें, इन 90 मिनटों में वो समय नहीं जुड़ा होता, जो DRS के लिए लिया जाता है या फिर किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर खर्च किया जाता है.
क्या होती है सजा?
अगर कोई टीम स्लो ओवर रेट की दोषी पाई जाती है, तो उसके कप्तान पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. लेकिन, ये पहली बार लगने वाला फाइन है. यदि कोई टीम दोबारा स्लोवर रेट की दोषी मिलती है, तो उसे 24 लाख रुपये जुर्माना भरना पड़ता है और टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी 6 लाख रुपये या उनकी मैच फीस का 25% जुर्माना भरना पड़ता है. इसके बाद यदि तीसरी बार कोई टीम इसकी दोषी मिलती है, तो कप्तान को 30 लाख रुपये जुर्माना और एक मैच का बैन भी झेलना पड़ सकता है. वहीं, टीम के बाकी खिलाड़ियों पर भी 12-12 लाख रुपये या मैच फीस का 50% जुर्माना लग सकता है.
इंटरनेशनल मैच में स्लो ओवर रेट ?
स्लो ओवर रेट इंटरनेशनल क्रिकेट में भी लागू होता है. हालांकि, T20I, वनडे और टेस्ट में इसके अलग-अलग पैमाने और सजा हैं. टेस्ट की बात करें, तो यदि कोई टीम 80 ओवर में सामने वाली टीम को समेटती है, तो उसपर कोई जुर्माना नहीं लगेगा. वहीं, यदि कोई टीम टेस्ट में स्लो ओवर रेट की दोषी पाई जाती है, तो हर खिलाड़ी की मैच फीस 5 प्रतिशत कटेगी. T20I क्रिकेट और वनडे फॉर्मेट की बात करें, तो खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिए आईसीसी आचार संहिता के धीमी ओवर गति से जुड़े अनुच्छेद 2.22 के अनुसार निर्धारित समय में ओवर पूरे न करने पर प्रति ओवर की दर से मैच फीस का 5 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है
Source : Sports Desk