Major reasons of Pakistan Cricket Team Downfall: पाकिस्तान क्रिकेट टीम को बांग्लादेश ने 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से हरा दिया है. ये पहला मौका है जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान के खिलाफ न सिर्फ टेस्ट में जीत हासिल की है जबकि टेस्ट सीरीज जीती है. पाकिस्तान के लिए ये हार और भी निराशाजनक इसलिए भी है क्योंकि अपेक्षाकृत कमजोर बांग्लादेश ने उसी की धरती पर उसे मात दी है. पिछले 3 साल के अंदर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई है. टी 20 में उसे जिंबाब्वे, आयरलैंड और अमेरिका ने हराया था तो न्यूजीलैंड की बेहद कमजोर टीम ने भी हराया है. पाकिस्तान पिछले 3 साल में अपने घर में कोई भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई है. कभी अपनी खूंखार गेंदबाजी के लिए विश्व विख्यात और 1992 वनडे विश्व कप और 2009 में टी 20 विश्व कप विजेता पाकिस्तान के प्रदर्शन में इतनी गिरावट आखिर क्यों आई है आईए इसे समझने का प्रयास करते हैं.
पीसीबी में लगातार बदलाव
कोई भी संस्था तब बेहतर काम करती है जब उसका प्रशासन स्थिर, मजबूत और स्वतंत्र रुप से निर्णय लेने वाला होता है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पाकिस्तान सरकार के अधिन है. जैसा वहां सरकार बदलती है पीसीबी प्रशासन भी बदल जाता है. इससे पीसीबी में स्थिरता में कमी आती है. नया प्रशासन पुराने फैसले बदल देता है जिससे क्रिकेट प्रभावित होती है. पिछले 3 साल रमीज राजा, नजम सेठी, जका अशरफ के बाद अब मोहसिन नकवी पीसीबी के अध्यक्ष हैं. लगातार बदलते प्रशासन के बीच टीम लगातार कमजोर हुई है. पीसीबी लगातार कोच और चयन समिति में भी बदलाव करती रही है. इसका भी बुरा प्रभाव टीम पर पड़ा है.
बाबर आजम टीम बनाने में असफल
बाबर आजम को 2019 में पाकिस्तान टी 20 टीम की कप्तानी सौंपी गई थी. इसके बाद वे वनडे और टेस्ट टीम के भी कप्तान बने. पिछले 5 साल में अगर किसी की पाकिस्तान टीम में सबसे ज्यादा चली है तो वे बाबर आजम हैं. तमाम असफलताओं के बावजूद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, वहां की मीडिया और फैंस ने बतौर खिलाड़ी और कप्तान बाबर आजम का समर्थन किया. उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने टी 20 विश्व कप 2021, एशिया कप 2022, टी 20 विश्व कप 2022, एशिया कप 2023, वनडे विश्व कप 2023, टी 20 विश्व कप 2024 जैसे 5 बड़े इवेंट खेले लेकिन किसी में पाकिस्तान को सफलता नहीं मिली.
इन 5 सालों के दौरान बाबर आजम एक मजबूत टीम बनाने में नाकाम रहे. आज की तारीख में पाकिस्तान के पास न कोई बेहतर सलामी बल्लेबाज है, न मीडिया ऑर्डर बल्लेबाज, न ही ऑलराउंडर, न तेज गेंदबाज और न ही स्पिनर. जिस पाकिस्तान को वसीम, वकार की स्विंग और शोएब की पेस के लिए और सकलैन की स्पिन के लिए जाना जाता है. उसके पास आज की तारीख में ऐसा कोई गेंदबाज नहीं जो विरोधी टीम में खौफ पैदा कर सके. इसके जिम्मेदार बाबर आजम हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में सिर्फ अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को मौका दिया, बेशक वे फॉर्म न हों, न की उन्हें जो प्रतिभाशाली थे. बाबर पर खुद के लिए खेलने और अपनी तथा साथियों की जगह की बचाने के लिए कई टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों और अन्य खिलाड़ियों का करियर तबाह करने का आरोप भी है जिसमें फखर जमान सबसे उपर हैं. अलग अलग समय समय पर कोच रहे मिसबाह उल हक और वकार युनूस का भी इसमें योगदान है. उन्होंने बाबर के सभी फैसलों को समर्थन दिया.
टीम में फूट
बाबर आजम की कप्तानी की कार्यशैली हमेशा से पक्षपाती रही जिसकी वजह से टीम में ग्रुप बाजी लंबे समय से चल रही है. इसे पीसीबी ने और बढ़ाने का काम किया है. वनडे विश्व कप 2023 के बाद बाबर आजम ने कप्तानी से इस्तिफा दिया था. इसके बाद शाहीन को टी 20 और शान मसूद को टेस्ट का कप्तान बनाया गया था. ये फैसला जका अशरफ के पीसीबी अध्यक्ष रहते हुआ था लेकिन मोहसिन नकवी के अध्यक्ष बनने के बाद शाहीन की कप्तानी छीन ली गई. इस कदम ने भी टीम को बांटा जिसका असर विश्व कप 2024 और अब बांग्लादेश टेस्ट सीरीज में दिखा है. बांग्लादेश सीरीज के दौरान शान मसूद और शाहीन अफरीदी के बीच मारपीट की खबर भी आई. जिस टीम में एकता न हो, मारपीट हो, आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ी हों उस टीम का नीचे गिरना लाजमी है.
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