भारत और ऑस्ट्रेलिया के बहिष्कार की धमकी के बावजूद राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने 2022 में बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं करने का फैसला किया है. सीजीएफ की अध्यक्ष लुइस मार्टिन ने कहा है कि भारत के बहिष्कार की धमकी के बावजूद 2022 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को शामिल नहीं किया जाएगा. मार्टिन ने ब्रिटेन के अखबार 'डेली टेलीग्राफ' से कहा कि निशानेबाजी कभी भी राष्ट्रमंडल खेलों में अनिवार्य खेल नहीं रहा है.
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उन्होंने कहा, "एक खेल को खेलों में शामिल होने का अधिकार हासिल करना पड़ता है. निशानेबाजी कभी भी अनिवार्य खेल नहीं रहा है. हमें इसके लिए काम करना होगा, लेकिन निशानेबाजी राष्ट्रमंडल खेलों में नहीं होगी. हमारे पास ज्यादा जगह नहीं है." अखबार ने यह भी खुलासा किया कि बर्मिंघम ने दो निशानेबाजी प्रतियोगिताओं को आयोजित कराने की पेशकश की थी, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) द्वारा इसे खारिज कर दिया गया.
सीजीएफ ने जून में फैसला किया था कि बर्मिंघम में 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी. सीजीएफ के इस फैसले के बाद भारत में बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल-2022 के बहिष्कार की मांग उठने लगी है.
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दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2022 में बर्मिघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए. हिना के बयान के बाद आईओए के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने कहा था कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है. इस बीच, ऐसी खबरें है कि ऑस्ट्रेलिया भी इस प्रतियोगिता का बहिष्कार कर सकता है.
शूटर्स यूनियन ऑस्ट्रेलिया (एसयूए) ने इसकी मांग की है. एसयूए के अध्यक्ष ग्राहम पार्क ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया को 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी को फिर से शामिल करने की मांग में भारत के साथ खड़ा होना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो इसका बहिष्कार करने के लिए तैयार रहें."
Source : IANS