वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के जेवलिन थ्रो के फाइनल राउंड में पहुंच कर इतिहास रचने वाले भारत के देविंदर सिंह कंग फाइनल में कोई कमाल नहीं कर सके। देविंदर ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता के फाइनल में निराशाजनक 12वां स्थान हासिल किया।
28 वर्षीय देविंदर सिंह ने गुरुवार को पदक की उम्मीदें जगाई थी। वह क्वालीफाइंग राउंड में सातवें स्थान पर रहे थे। लेकिन फाइनल में वो टॉप-10 में भी अपनी जगह नहीं बना सके। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के जेवलिन थ्रो के फाइनल में पहुंचने वाले वह पहले भारतीय हैं।
बहरहाल, कंधे की चोट से जूझ रहे दविंदर का फाइनल में पहला ही थ्रो काफी निराशाजनक रहा। उन्होंने 75.40 मीटर की दूरी पर थ्रो किया, जो टॉप-8 एथलीटों के आस-पास भी नहीं थे। दविंदर का हाल बुरा हो गया था जब दूसरे प्रयास में उनका फाउल हुआ और इसे डिसक्वालिफाई माना गया।
तीसरे प्रयास में दविंदर 80.02 मीटर की दूरी पर थ्रो कर सके और फाइनल से बाहर हो गए। वैसे जर्मनी के जोहान्स वेटर ने 89.89 मीटर की दूरी पर थ्रो करके गोल्ड मेडल जीता। चेक रिपब्लिक के जकुब वाद्लेज्च 89.73 मीटर थ्रो फेंकर सिल्वर और पेट्र फ्रीद्र्यच ने 88.32 मीटर थ्रो करके ब्रॉन्ज मेडल जीता।
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Source : News Nation Bureau