भारतीय टीम आज यानी शुक्रवार से शुरू होने वाले डेविस कप क्वालीफायर में क्रोएशिया के खिलाफ उलटफेर भरी जीत दर्ज करने की कोशिश करेगी, जिसके लिए उसने रामकुमार रामनाथन को अपने नंबर एक एकल खिलाड़ी सुमित नागल पर तरजीह दी है. मेजबान टीम की अगुआई दुनिया के 37वें नंबर के खिलाड़ी मारिन सिलिच करेंगे और 2014 अमेरिकी ओपन चैम्पियन उनकी टीम में शामिल एकमात्र शीर्ष-50 एकल खिलाड़ी हैं. उनकी टीम के सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग के खिलाड़ी बोर्ना कोरिच (33) की अनुपस्थिति का मतलब है कि भारतीय खिलाड़ी उनके दूसरे एकल खिलाड़ी बोर्ना गोजो को पराजित कर सकते हैं, जिन्होंने अभी तक तक डेविस कप में अपना एक भी मैच नहीं जीता है.
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मेहमानों के लिए गोजो पर जीत से दो अंक जुटाना संभव है, जो एटीपी रैंकिंग में 277वें स्थान पर काबिज हैं और इन तीनों भारतीय एकल खिलाड़ियों से नीचे हैं. नागल (127) भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग पर काबिज खिलाड़ी हैं. वह, रामकुमार रामनाथन (182) और प्रजनेश (132) गोजो के खिलाफ नहीं खेले हैं, लेकिन उनके लिए उन्हें हराना संभव हैं. भारत के गैर खिलाड़ी कप्तान रोहित राजपाल ने हैरत भरे फैसले के बारे में कहा कि हालात की मांग है कि नागल के बजाय रामकुमार को खेलना चाहिए. राजपाल ने पीटीआई से कहा, कोर्ट ज्यादा तेज नहीं है और इस पर धीमा उछाल है. यह रामकुमार के खेल के मुफीद है. इसलिए शुरुआती दिन एक अंक जुटाना अहम है इसलिए हमने सुमित के बजाय प्रजनेश को अपना नंबर एक खिलाड़ी बनाया.
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टीम और देश के सर्वश्रेष्ठ हित को देखते हुए यह रणनीति बनाई गई है. रामकुमार क्रोएशिया के सिलिच के खिलाफ दूसरा एकल मुकाबला खेलेंगे. प्रजनेश अपनी शादी के कारण पिछले मुकाबले में नहीं खेल पाए थे. उन्होंने कहा, हमें अपना शीर्ष खेल दिखाने की उम्मीद है. हमारे पास निश्चित रूप से बेहतर मौका है (क्योंकि बोर्ना कोरिच नहीं खेल रहे) और उम्मीद करते हैं कि हम इसका फायदा उठाएंगे. हार्ड इंडोर कोर्ट हमें रास आता है. लिएंडर पेस और रोहन बोपन्ना युगल मुकाबले में माटे पाविच और फ्रांको सकुगोर से खेलेंगे. युगल मैच अहम होगा. इस मैच का विजेता साल के अंत में होने वाले डेविस कप फाइनल्स के लिए क्वालीफाई कर लेगा जो नवंबर में मैड्रिड में खेला जाएगा. यह 46 साल के पेस के लिए अंतिम मुकाबला हो सकता है जो कह चुके हैं कि 2020 बतौर पेशेवर उनका अंतिम सत्र होगा.
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वह डेविस कप को जीत से अलविदा कहना चाहेंगे, वह पहले ही टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल युगल खिलाड़ी बन गये हैं। भारत ने लंबे समय से मजबूत प्रतिद्वंदी के खिलाफ जीत हासिल नहीं की है और ऐसा लगता है कि यह उनके लिए बेहतर मौका होगा. वे सर्बिया से 2018 में, कनाडा से 2017 में हारकर विश्व ग्रुप क्वालीफिकेशन से चूक गए थे. राजपाल ने कहा, हमारे पास निश्चित रूप से इस मैच में मौका है. अगर हम शुक्रवार को एक एकल मुकाबला जीत लेते हैं तो कुछ भी हो सकता है. लेकिन अगर हम पहले दिन 0-2 से पिछड़ जाते हैं तो वापसी करना मुश्किल होगा. पिछली बार दोनों टीमें आपस में 1995 में ग्रासकोर्ट पर एक दूसरे से भिड़ीं थी जिसमें भारत ने नई दिल्ली में 3-2 से जीत हासिल की थी.
Source : Bhasha