पूर्व क्रिकेटर एवं कमेंट्रेटर गौतम गंभीर ने अपने एक जवाब से अपने तमाम आलोचकों की बोलती बंद कर दी है. दरअसल, गौतम गंभीर एक एमपी भी हैं. पूर्वी दिल्ली से वह सांसद हैं. उनके तमाम विरोधी अक्सर आरोप लगाते रहते हैं कि एक सांसद होकर वह क्रिकेट मैचों में कमेंट्री क्यों करते हैं. आखिर उन्हें यह करने की क्या जरूरत है. अब उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस में इस बात का जवाब दिया. दरअसल, एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने बताया कि वह एक जन रसोई चलाते हैं. इसमें गरीबों को खाना खिलाते हैं. इस रसोई पर एक महीने में 25 लाख रुपये खर्च आता है और पूरे साल में 2.75 करोड़ रुपये खर्च आता है. यह सारा खर्च वह खुद करते हैं. इसके लिए पैसों की जरूरत होती है. इसके अलावा एक लाइब्रेरी भी चलाते हैं, जिसे बनाने में 25 लाख रुपये लगे हैं. यह सारा खर्च वहन करने के लिए उन्हें काम करना पड़ता है. वह एमपी फंड से यह सारे काम नहीं कर सकते.
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उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में कोई शर्म नहीं है कि हां मैं कमेंट्री करता हूं या IPL में काम करता हूं. पर उसके पीछे एक बहुत बड़ा मकसद है. बता दें कि गौतम गंभीर ने अपने संसदीय क्षेत्र में कई स्थानों पर जन रसोई की शुरुआत कराई थी, जिसमें सिर्फ एक रुपये में खाना उपलब्ध कराया जाता है. गौतम गंभीर पिछले लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे और जीतकर 23 मई 2019 को सांसद बने थे. इसके अलावा पर आईपीएल में भी कोच की भूमिका में रहे हैं. इस बार वह लखनऊ सुपर जॉएंट्स टीम के मेंटर रहे. इसके अलावा आईपीएल मैचों में कमेंट्री भी करते रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- पूर्वी दिल्ली से सांसद है गौतम गंभीर
- भाजपा के टिकट पर लड़ा था चुनाव
- अपने क्षेत्र में चलाते हैं जन रसोई